बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार को खुला संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी ठेके नियम-शर्तें तोड़कर जद (यू), राजद के सांसद, विधायक के परिजनों की कंपनी को मिल रहे हैं। ऑडिट और हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणी के बाद भी ऐसे ठेके रद्द नहीं किये जा रहे हैं।
मोदी ने कहा कि जहानाबाद से जदयू सांसद चंद्रेश्वर के परिजनों (बेटे-बहू) की कंपनी पशुपति डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (पीडीपीएल) को स्वास्थ्य विभाग से मिला 1,600 करोड़ का ठेका 10 नवम्बर 2023 को हाईकोर्ट को रद्द करना पड़ा। पीडीपीएल का ठेका रद्द करने का आदेश जारी करते हुए पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार के निर्णय को मनमाना, अतार्किक, नियम-विरुद्ध और संविधान के अनच्छेद 14 के विरुद्ध बताया।
मोदी ने कहा कि इस ठेके का मामला सामने आने पर हाईकोर्ट ने पहले भी आपत्ति की थी, लेकिन सरकार ने इसे रद्द नहीं किया था।गंभीर रूप से बीमार रोगियों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने की निशुल्क एम्बुलेंस सेवा (डायल 102) संचालित करने और 2125 एम्बुलेंस खरीदने के लिए सांसद-परिजन की कंपनी पीडीपीएल को ठेका देने के लिए बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति ने नियमों को शिथिल और निविदा की शर्तों का उल्लंघन करने में कोई संकोच नहीं किया। भ्रष्टाचार और अपराध से मुख्यमंत्री ने समझौता कर लिया है इसलिए बिहार में सरकारी ठेके से लेकर बालू-शराब के धंधे तक माफियागिरी हावी है।
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