कांग्रेस तथा कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा के सभी 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति से विजय चौक तक मंगलवार को मार्च किया।
प्रदर्शन के दौरान सदस्य एक बड़े बैनर लेकर चल रहे थे
मार्च में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, के. सुरेश, शिव सेना के संजय राउत, द्रमुक के तिरुचि शिवा सहित कई सदस्यों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन के दौरान सदस्य एक बड़े बैनर लेकर चल रहे थे जिसमें 12 सदस्यों का निलम्बन वापस करने की मांग की गई। कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां भी लिए थे जिनमें ‘लोकतंत्र बचाओ और संविधान बचाओ तथा तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लिखे थे।
सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन के 14 दिन हो गए हैं। हाउस में जिन मुद्दों के बारे में विपक्ष चर्चा करना चाहता है, वो चर्चा सरकार नहीं होने देती है और जहां भी विपक्ष अपनी मांग रखना चाहता है, सरकार उनकों डरा धमाकर चुप करवा देती है। ये लोकतंत्र की हत्या है, संसद भवन में सब मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। मगर जो चर्चा हम करना चाहते हैं वो हमें करने नहीं दी जाती।राहुल ने कहा कि निलंबन के पीछे प्रधानमंत्री या सरकार नहीं है। ये पूंजीपतियों की शक्ति है।
ये सिर्फ 12 सांसदों का निलंबन नहीं है, किसानों के आंदोलन का ये सबसे बड़ा बलिदान है
मार्च के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ये सिर्फ 12 सांसदों का निलंबन नहीं है। किसानों के आंदोलन का ये सबसे बड़ा बलिदान है। सरकार सुनने को तैयार नहीं है।वहीं टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा, ये मोदी सरकार 303 के जीत के घमंड में है। 10-10 मिनट में बिल पास करा दिये जाते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन वापसी की मांग लेने की मांग की
इस मसले पर राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन वापसी की मांग करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते सभापति ने कहा था कि सरकार और विपक्ष मिलकर गतिरोध का हल निकालें। लेकिन सरकार की ओर से कहा गया है कि वह माफी मांगे जाने पर ही निलंबन रद्द करने पर विचार करेगी। विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है।