लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के तत्काल पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे: केंद्र सरकार

केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण प्रभावित हुए बच्चों के सर्वश्रेष्ठ हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठा रहा है।

कोरोना वायरस महामारी लोगों पर काल बनकर टूटा है, इस महामारी से न जाने कितने ही बच्चे अनाथ हो गए। देश में कितने ही बच्चे इस वायरस के चलते अपनों से बिछड़ गए और मौत के मुहाने तक पहुंच गए। फिलहाल स्थितियां धीरे-धीरे बेहतर हो रही है और उम्मीद है कि आने वाले वकत में सबकुछ पहले की तरह ही हो जाएगा।
वहीं, केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण प्रभावित हुए बच्चों के सर्वश्रेष्ठ हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठा रहा है और उसने अनाथ बच्चों के तत्काल पुनर्वास के लिए राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है।
कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर चिंता व्यक्त करने वाली जनहित याचिका पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से दायर किए गए एक हलफनामे में केंद्र ने कहा कि वह वैश्विक महामारी के दौरान बाल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की गुंजाइश एवं संभावनाओं पर राज्यों के साथ लगातार संवाद कर रहा है।
सरकारी हलफनामे में कहा गया, ‘‘ एमडब्ल्यूसीडी के सचिव द्वारा दिनांक 30.04.2021 को मुख्य सचिवों को पत्र भेजा गया, जिसमें सभी जिलों में डीएम को निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें। बच्चों के बारे में जानकारी चाइल्डलाइन 1098 के साथ साझा की जा सकती है।’’
केंद्र ने कहा है कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जेजे अधिनियम) के तहत संकट में बच्चों की अनिवार्य रूप से देखभाल की जाती है और उन्हें संरक्षण दिया जाता है, जिसे राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन लागू करते हैं।
केंद्र ने कहा कि जेजे अधिनियम के तहत सेवाएं देने के लिए राज्य सरकारों / केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बाल संरक्षण सेवा नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना पहले से ही लागू की जा रही है। उसने कहा कि वैश्विक महामारी से प्रभावित बच्चों के मनोसामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए, ‘‘संवाद – मुश्किल परिस्थितियों और संकट में बच्चों को समर्थन और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी उपचार’’ नामक एक राष्ट्रीय पहल और आपातकाल के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाली चाइल्डलाइन सेवा शुरू की गई है।
केंद्र ने कहा है कि मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक परामर्श प्रमुखता से प्रदर्शित किया और वह उन बच्चों की सुरक्षा के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से जागरुकता पैदा कर रहा है, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड-19 के कारण खो दिया है। राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अनाथ बच्चों के संबंध में कानूनी कदम उठाने की दिशा में लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए स्थानीय भाषाओं में सार्वजनिक नोटिस जारी करें।
हलफनामे में कहा गया है कि राज्य सरकारों से प्रत्येक जिले में उन बच्चों की सहायता के लिए एक चाइल्ड केयर संस्थान नामित करने का अनुरोध किया गया था, जिनके माता-पिता कोविड-19 के कारण प्रभावित हुए हैं। उच्चतम न्यायालय में वकील जितेंद्र गुप्ता ने जनहित याचिका दायर करके प्राधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वे अनाथ बच्चों के निकटतम रिश्तेदारों या चाइल्ड-केयर होम को उनका अंतरिम संरक्षण प्रदान करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 − five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।