Delighted to welcome FM of Saudi Arabia HH Prince @Faisalbinfarhan for his first ever visit to India. pic.twitter.com/KVk6LRvnZo
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 19, 2021
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान भारत के अपने पहले दौरे पर आए। उनका स्वागत करके प्रसन्नता हुई।’’ फरहान सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। वह इस यात्रा पर ऐसे वक्त आए हैं जब भारत, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद के घटनाक्रमों को लेकर सभी ताकतवर देशों के संपर्क में है। बताया जाता है कि जयशंकर और अल सऊद के बीच वार्ता का मुख्य विषय अफगानिस्तान में हालात था।
क्षेत्र का एक प्रमुख राष्ट्र होने के नाते काबुल में घटनाक्रमों पर सऊदी अरब का रुख मायने रखता है, क्योंकि कतर तथा ईरान समेत खाड़ी क्षेत्र के अनेक देश अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले अफगान शांति प्रक्रिया में भूमिका निभा रहे थे। खाड़ी क्षेत्र में, भारत अफगानिस्तान में घटनाक्रमों को लेकर संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर और ईरान के साथ संपर्क में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन ‘‘समावेशी’’ नहीं हुआ है, लिहाजा नयी व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं और इस परिस्थिति में उसे मान्यता देने के बारे में वैश्विक समुदाय को ‘‘सामूहिक’’ और ‘‘सोच-विचार’’ कर फैसला करना चाहिए। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के 21वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए अपने डिजिटल संबोधन में यह कहा था।