वही,अमेरिका अगले 5 साल में भारत में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश करेगा। साथ ही परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइजिंग करने के महत्व को दोहराते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता का विस्तार करने का स्वागत किया। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों फंडों के माध्यम से फंडेड पेमेंट सिक्योरिटी सिस्टम के लिए संयुक्त समर्थन भी शामिल हैं। इससे भारतीय PM e-Bus सेवा कार्यक्रम समेत भारत में निर्मित 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में तेजी आएगी। जिसमें संबंधित चार्जिंग बुनियादी ढांचा शामिल होगा। दोनों देश ई-मोबिलिटी के लिए वर्ल्ड सप्लाई चेन में विविधता लाने में मदद करने पर सहमत हुए।