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विदेशी चोरी कर ले गए थे तमिलनाडु से बाइबल , लंदन के संग्रहालय में मौजूद

विदेशी चोरों ने तमिलनाडु से पुरातात्त्विक महत्व की बाइबल को वर्षों पहले चुरा लिया था लेकिन अब इसका पता लगा लिया गया है। तमिल में लिखी यह दुनिया की पहली बाइबल है और इसे 17वीं सदी में थारंगाम्बदी रियासत में छापा गया था।

विदेशी चोरों ने तमिलनाडु से पुरातात्त्विक महत्व की बाइबल को वर्षों पहले चुरा लिया था लेकिन अब इसका पता लगा लिया गया है। तमिल में लिखी यह दुनिया की पहली बाइबल है और इसे 17वीं सदी में थारंगाम्बदी रियासत में छापा गया था।
लंदन के संग्रहालय में मौजूद हैं 17 वी सदी में चोरी हुई बाइबल
तमिलनाडु आइडल विंग ने शुक्रवार को बताया कि इस पवित्र किताब को 17 साल पहले विदेशियों के एक समूह ने चुरा लिया था। उन्होंने बताया कि विंग ने पता लगाया है कि यह किताब लंदन में एक संग्रहालय में है। इस बाइबल की खास बात यह है कि इस पर तंजोर के राजा सरफोजी के हस्ताक्षर हैं। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने इस पवित्र किताब को तंजावुर के सरस्वती महल पुस्तकालय में वापस लाने के लिए कदम उठा लिए हैं। यह 2005 में इसी पुस्तकालय से चोरी की गई थी।
सरस्वती महल से गुम हुई बाइबल
सरफोजी पैलेस के उप प्रशासक ने तंजावुर पश्चिम थाने में 10 अक्टूबर 2005 में शिकायत दी थी जिसके बाद पुलिस ने सीएसआर (समुदाय सेवा पंजी) दर्ज की थी और बाद में मामला ‘बंद’ मान लिया गया।17 अक्टूबर 2017 को आइडल विंग-सीआईडी को ई राजेंद्रन नाम के एक शख्स से शिकायत मिली जिसमें सरस्वती महल से बाइबल के गुम होने की जानकारी दी गई थी जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया।
2005 में विदेशी लोग आए थे सरस्वती महल के अंदर 
जब जांच में कोई कामयाबी नहीं मिली तो तमिलनाडु आइडल विंग के पुलिस महानिदेशक के जयंत मुरली, महानिरीक्षक आर धिनाकरण और पुलिस अधीक्षक बी रवि ने तफ्तीश तेज़ की।मुकद्दस किताब का पता लगाने के लिए पुलिस निरीक्षक इंदिरा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। आगंतुक पुस्तिका को देखने के बाद पता चला कि सात अक्टूबर 2005 को सरस्वती महल पुस्तकालय में कुछ विदेशी आए थे और तभी से बाइबल गायब है।
डेनमार्क मिशनरी बार्थोलोमस ज़िजेनबल्गो  के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे विदेशी लोग 
आगे की जांच में पता चला कि ये आगंतुक डेनमार्क मिशनरी बार्थोलोमस ज़िजेनबल्गो से संबंधित कार्यक्रम में हिस्सा लेने भारत आए थे। विंग ने बताया कि इसके बाद दुनियाभर के विभिन्न संग्रहालयों की वेबसाइट को देखा गया और जॉर्ज तृतीय के संग्रह में कुछ संदेह हुआ जिसमें हज़ारों मुद्रित किताबें, पांडुलिपी, और पुस्तिका हैं जिनमें से ज्यादातर असाधारण हैं। इसमें चोरी की गई बाइबल छुपी हुई थी।मुरली ने बताया कि आइडल विंग को उम्मीद है कि वह यूनेस्को की संधि के तहत इस बाइबल को वापस हासिल कर लेगा और सरस्वती महल पुस्तकालय में रखवा देगा।
 

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