नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से कपट की राजनीति से बाज आने का आह्वान करते हुए आज कहा कि सरकार को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि कठोर और दमनात्मक रवैये से कभी भी कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है।
अब्दुल्ला ने केंद्र की सरकारों पर बरसते हुए कहा कि उनके लगातार अदूरदर्शितापूर्ण रवैये के कारण ही कश्मीर बद से बदतर हालातों में पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकारों की तरफ से लगातार धोखा दिए जाने के कारण ही अब राज्य की जनता को केंद्र पर तथा उनके प्रयासों पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है।
अब्दुल्ला ने कुपवाड़ जिले के माचिल सेक्टर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र ने हमेशा ही जम्मू कश्मीर के प्रति उपेक्षा और कठोरता भरे रवैये को दर्शाया है और इसी की वजह से राज्य की जनता में उनके लिए हताशा और अलगाववाद की भावना है उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने तीन शर्तों के आधार पर भारतीय संघ में विलय की सहमति दी थी और यह सब भारतीय संविधान में दर्ज और स्वीकार किया गया है।
इसे देखते हुए हम अन्य राज्यों की तरह नहीं हैं और यह बात मैनें कई प्रधानमंत्रियों तथा पूर्व सरकारों के सामने भी रखी थी। हम राज्य में स्वायत्ता के पक्ष में हैं।