गुजरात की अदालत द्वारा राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के बाद ‘तेली’ जाति से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पदाधिकारियों और समुदाय के नेताओं ने बृहस्पतिवार को ‘मोदी’ उपनाम वाले लोगों के खिलाफ गांधी की ‘‘अपमानजक’’ टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग की।
उन्होंने गांधी की टिप्पणी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी। ‘मोदी’ उपनाम आमतौर पर ‘तेली’ समुदाय के लोग लगाते हैं जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हिस्सा हैं।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने ‘तेली’ समुदाय के लोगों का ‘‘अपमान’’ करने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की निंदा की और कहा कि यह उनकी ‘‘जातिवादी’’ मानसिकता को दर्शाता है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने गांधी पर शालीनता की सारी हदें पार करने का आरोप लगाया और उनसे देश के लोगों से उन्हें माफी मांगने को कहा। दास ने झारखंड में पत्रकारों से कहा कि तथ्य यह है कि गांधी ने जमानत का विकल्प चुना है, उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
अखिल भारतीय तेली महासंघ के राम कुमार ने एक बयान में कहा कि गांधी ने अपनी पार्टी के सत्ता गंवाने के बाद दूसरों को ‘‘गाली’’ देने के तरीके का सहारा लिया है और कहा कि लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।
सूरत की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता गांधी को 2019 में उनके ‘‘मोदी उपनाम’’ को लेकर टिप्पणी पर उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई।
कांग्रेस नेता के वकील बाबू मंगुकिया ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया और उन्हें जमानत भी दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया ताकि उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति मिल सके।
फैसला सुनाए जाने के समय गांधी अदालत में मौजूद थे।