कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में राजस्थान सीएम अशोक गहलोत सबसे आगे थे, लेकिन राजस्थान में सीएम पद को लेकर बनी गुट बंदी के कारण हाईकमान अशोक गहलोत से नाराज हो गया हैं। जिसके बाद सांसद शशि थरूर का पलड़ा भारी पड़ सकता हैं, कांग्रेस हाईकमान इस सियासी घमासान के बीच प्लान बी पर काम करने की सोच रहा है। जिसके बाद अशोक गहलोत समर्थक विधायकों पर पर्यवेक्षकों ने अनुशासनहीनता आरोप लगाया हैं। लेकिन अध्यक्ष पद को लेकर शशि थरूर भी सक्रिय हैं , तो वही अशोक गहलोत को लेकर स्पष्टता खत्म होती दिखाई दे रही हैं। लेकिन इसी बीच बताया जा रहा हैं की कांग्रेस कोषाध्यक्ष ने सीईए से नामांकन पत्र खरीदा हैं।
जिसके बाद अशोक गहलोत व शशि थरूर के बाद अध्यक्ष पद की दौड़ में पवन बंसल भी शामिल हो गए हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं। सीईए के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, अभी तक थरूर और पवन बंसल ने सीईए से नामांकन फॉर्म लिया है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद से बाहर किया जा रहा है और संभावना है कि शीर्ष पद के लिए कुमारी शैलजा पर विचार किया जा सकता है जबकि राहुल गांधी की पसंद के.सी. वेणुगोपाल हैं।
हालांकि, अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है और सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहते थे और मध्य प्रदेश में पार्टी के लिए काम करना जारी रखना चाहते थे।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, मैं मध्य प्रदेश में रहना चाहता हूं।
राजस्थान में राजनीतिक ड्रामा ने कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी के शीर्ष पद के लिए एक योजना बी के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है, जिसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। कमलनाथ ने शीर्ष पद के लिए चयन करने से इंकार कर दिया है, और अब पार्टी के पास मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे या कुमारी शैलजा आदि जैसे विकल्प हैं। चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही समय खत्म होता जा रहा है और 30 सितंबर को नामांकन का आखिरी दिन है।