दक्षिण चीन सागर (एससीएस) पर अपने दावे को लेकर चीन ने अपने आक्रामक रुख को और तेज कर दिया है। बीजिंग ने एससीएस में मिसाइलें और एंटी मिसाइल सिस्टम की तैनाती कर दी है। आपको बता दे कि चीन ने क्रूज मिसाइल की तैनाती का यह काम इतने गुपचुप तरीके से किया कि अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों को भी काफी समय बाद इसके बारे में पता चल सका। इंटेल रिपोर्ट के मुताबिक, मिसाइल तैनाती का कार्य बीते दिनों में किया गया।
चीन ने कहा है कि यह निर्विवाद रूप से उसका इलाका है। हालांकि, दक्षिण चीन सागर को लेकर विवाद है। फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ताइवान इस क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों पर अपना दावा करते हैं जिसे चीन खारिज करता आया है।चीन के इस नए दांव के बाद एससीएस को लेकर इन देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। बता दें कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर वहां अपने सैन्य अड्डे बनाए हैं। चीन दक्षिण चीन सागर में नौवहन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों को भी मानने से इंकार करता है।
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार , चीन ने वाय जे-12बी जहाजरोधी मिसाइल तैनात की हैं, जो 295 समुद्री मील की दूरी तक जहाजों पर हमला कर सकती है। सतह से हवा में मार करने वाली एच क्यू-9बी मिसाइल भी तैनात की गई है जो 160 समुद्री मील तक विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर हमला कर सकती है।
आपको बता दे कि अप्रैल में चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर में अपना अबतक का सबसे बड़ा अभ्यास किया था। इस दौरान उसने पही बार एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप और अपने सबसे ज्यादा आधुनिक हथियारों को प्रदर्शन किया था। चीन का समुद्र में यह सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास ऐसे वक्त में किया गया जब अमेरिका फ्रीडम ऑफ नैविगेशन (नौवहन की स्वतंत्रता) के तहत चीन द्वारा बनाए गए कृत्रिम द्वीपों के पास से अपने युद्धपोतों और एयरक्राफ्ट्स को भेजा था। बता दें कि दक्षिण चीन सागर रणनीतिक तौर पर काफी अहम है। यह न सिर्फ ऊर्जा के लिहाज से समृद्ध है बल्कि यह एक व्यस्त व्यापार मार्ग है।
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