लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

बिहार सरकार का अजीबोगरीब फरमान , कहा- खुले में शौच करने वालों की टीचर करेंगे फोटोग्राफी

NULL

बिहार सरकार ने शिक्षकों को एक नया फ़रमान मिला है आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश में शुरु किए गए स्वच्छता अभियान को लेकर पिछले 3 साल में खूब जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। केंद्र सरकार से लेकर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों ने भी देश को शौच मुक्त बनाने के लिए पीएम मोदी का बखूबी साथ दिया है। लेकिन ऐसे में कुछ लोग अभी भी बाज नहीं आ रहे हैं और खुले में शौच के लिए जाते हैं। इसको लेकर बिहार में शिक्षक संघ को प्रशासन की तरफ से एक फरमान मिला है।

शिक्षकों को सरकार की ओर से काम सौंपा गया है उसमे कहा गया है जो लोग खुले में शौचालय करते हैं उनपर निगरानी रखी जाए और उनके साथ सेल्फी लें। लेकिन सरकार के इस निर्देश के बाद खुलकर शिक्षक इसके विरोध में उतर आए हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि यह शिक्षकों की गरिमा के अनुरूप नहीं है। यह उनके पद का अपमान है। हम इस कार्य को किसी भी सूरत में नहीं करेंगे।

सरकारी आदेश के अनुसार c के शिक्षक अब खुले में लोटा लेकर शौच जाने वालों पर अपनी नजर रखेंगे। साथ ही उन्हें खुले में शौच के खिलाफ जागरूक करेंगे और स्वच्छता के महत्व को समझाएंगे। शिक्षकों का यह भी काम होगा कि सुबह शाम वे इसकी निगरानी भी करेंगे।

इस मामले में सभी बीईओ की तरफ से हाइस्कूल के शिक्षकों को यह निर्देश जारी किया गया है कि वह लोग खुले में शौच करने वालों को रोकेंगे और उनकी कठोर निगरानी करेंगे। इसके लिए शिक्षकों को ड्यूटी के लिए जहां पत्र भेजा गया है वहीं प्रधानाध्यापकों को शौचालय निगरानी का पर्यवेक्षक बनाया गया है।

सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बक्सर जिले के कोरान सराय पंचायत के मध्य विद्यालय के अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहने वाले और बच्चों की शिक्षा को लेकर सरोकारी प्रयास करते रहने वाले शिक्षक पूर्णानंद मिश्रा का कहना है कि बिल्कुल करेंगे सरकार, लेकिन पहले हमारे भोजन का मुक्कमल इंतजाम तो कर दीजिए।

बता दे कि हर हफ्ते दो दिन शिक्षकों को इसके लिए समीक्षा बैठक करने के लिए कहा गया है। लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमारे पास पहले से ही बहुत काम है, हम पहले से ही कई गैर शैक्षणिक कार्य करते हैं, जिसमे वोटर लिस्ट तैयार करना, जनगणना करना आदि पहले से ही शामिल है। माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह शिक्षकों के पद और गरिमा का अपमान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 + 11 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।