कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। इस महामारी के बढ़ते प्रसार को रोकने के प्रयास में पूरी दुनिया में इस वक्त लॉकडाउन लगा हुआ है जिसके कारण अलग-अलग देशों के नागरिक विभिन्न देशों में फंसे हुए हैं। जहां कई विदेशी नागरिक दुसरे देशों में इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं किसी नागरिक की मौत भी हो चुकी है।
इसी कड़ी के सन्दर्भ में ऐसे भारतीय नागरिकों को वापिस भारत लाने के प्रयास में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कि विदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले भारतीय नागरिकों और प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई) कार्ड धारकों के शव भारत लाये जा सकते हैं, लेकिन संबंधित दिशानिर्देशों के सख्ती से पालन पर ही ऐसा संभव है। एक आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डा अधिकारियों को इस संबंध में विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
इसके मुताबिक, ” यह साफ किया जाता है कि भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारकों के शवों और अस्थियों को लाने के संबंध में आव्रजन गतिविधियों की अनुमति कोविड-19 से निपटने में लगे विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों के दिशानिर्देशों के सख्ती से पालन करने और साथ ही इस संबंध में स्वास्थ्य और विदेश मंत्रालय से मिले अनापत्ति पत्र और स्वीकृति सौंपने पर निर्भर करेगी।”
गृह मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का सख्ती से पालन करना चाहिए। एसओपी के मुताबिक, कोविड-19 के संदिग्ध और पुष्ट मामले में मौत होने पर शव और अस्थियां भारत लाना अनुशंसित नहीं है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि उपरोक्त अनुशंसा के विपरीत, ऐसे शव अगर भारतीय हवाईअड्डे पर पहुंचते हैं तो संबंधित हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारी (एपीएचओ) को निश्चित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। एपीएचओ मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच करेगा कि मृत्यु का कारण कोविड-19 का पुष्ट संक्रमण है अथवा संदिग्ध मामला है। वह यह भी जांच करेगा कि संबंधित शव को लाने के लिए भारतीय दूतावास अथवा उच्चायोग अथवा वाणिज्य दूतावास से अनापत्ति पत्र लिया गया है।