लुधियाना : कुदरत का खूबसूरत अनमोल तोहफा फूल हर देखने वाले को खूबसूरती के साथ-साथ मन की शांति का पैगाम देते है। इसी मकसद से पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के किसान मेला मैदान स्थित ओपन थिएटर में 22वां गुलदाउदी शो का उदघाटन वाइस चांसल डा. बलदेव सिंह ढिल्लो ने किया। सेंट्रल यूनिवर्सिटी बठिंडा के चांसलर डा. सरदारा सिंह जोहल विशेष मेहमान के तौर पर शामिल हुए। गुलदाउदी की 100 किसमों के 2000 से अधिक गमलो से भरे फूलों के इस शो के बारे में डा. ढिल्लो ने कहा कि इस तरह के फूलों की प्रदर्शनी यूनिवर्सिटी की अमीर परंपरा है। जिससे गांव तथा शहरों के लोग फूलों की खेती से जुड़ते है।
कुदरत प्रेमी फूलों की संभाल के बारे में ओर जानकारी हासिल करते है। डा. ढिल्लो ने कहा कि यह फूल केवल मानव के आस पास को ही खूबसूरत नहीं बनाते बल्कि अंदर की खूबसूरती तथा मन को भी शांत रखते है। उन्होंने फूलों की खेती करने वालो को उत्साहित करते हुए इसकी व्यापारिर खेती की तरफ प्रेरित किया। समारोह के मेहमान जोहल ने कहा कि फूल मानव के लिए कुदरती वरदान है। इन फूलों की किस्मों की विभिन्नता जहां मनुष्य के आस पास रंग बिखेरती है वहीं वातावरण के लिए भी लाभदायक होती है। फ्लोरिकल तथा लैंडस्केपिंग के मुख्य डा. एचएस ग्रेवाल ने कहा कि पीएयू, भारत खेती खोज परीषद की अग्रणीय संस्था है जो फूल उत्पाद के क्षेत्र में योगदान दे रही है।
इस का फ्लोरिकल्चर तथा लैंडस्केपिंग विभाग अब तक गुलदाउदी की 17 किस्में जारी कर चुका है। गुलदाउदी शो में बाहर से विद्ययक तथा अन्य संस्थाएं तथा व्यक्तिगत स्तर पर 200 से अधिक मुकाबले के लिए भाग लेने आए है। फ्लोरिकल्चर विभाग के माहिर डा. केके ढट, डा. प्रेमजीत सिंह, डा. मधूबाला, डा. परमिंदर सिंह तथा डा. शालिनी झांजी ने आए दर्शकों को फूलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा प्रदर्शनी का मुख्य मकसद गुलदाउदी की व्यापारिक खेती तथा घरों में सजावट के लिए उत्साहित करना है। गौर हो कि गुलदाउदी के इस मेले में अलफ्रैड विल्सन, वेलईइनट, थाई चिंग क्वीन, बोरिस विल्सन, कासा, ओबसेशन, गार्डन ब्यूटी, मदर टरेसा, यैलो चार्म, कैलविन मैंडरिन आदि गुलदाउदी की किस्में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी। लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।
– रीना अरोड़ा