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प्रशांत किशोर कांग्रेस में होंगे शामिल? सोनिया जल्द लेंगी फैसला

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ कांग्रेस की बहुचर्चित बैठकें पूरे हफ्ते चलीं। इन बैठकों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता सोच रहे थे कि क्या वह पार्टी में शामिल होंगे या नहीं।

देश के जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ कांग्रेस की बहुचर्चित बैठकें पूरे हफ्ते चलीं। इन बैठकों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता सोच रहे थे कि क्या वह पार्टी में शामिल होंगे या नहीं। कुछ कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं, तो कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता उनके अचानक झुकाव पर शक की नजरों से देख रहे हैं।  
समिति ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी  
कांग्रेस नेताओं और प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनावों के रोडमैप पर विचार-विमर्श करने के लिए शुक्रवार तक बैठकें कीं। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्रियों समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगभग 600 स्लाइड का पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित समिति ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और ज्यादातर वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल होने के खिलाफ नहीं हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, जब कोई निर्णय लिया जाएगा तो उसे सूचित किया जाएगा। 
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के अधिकांश नेता पीके द्वारा पेश की गई योजना से सहमत हैं। लेकिन क्या उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा या केवल वह एक सलाहकार की भूमिका तक ही सीमित रहेंगे, इसका फैसला सोनिया गांधी जल्द करेंगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पीके सफलता की कोई गारंटी नहीं है, हालांकि उनकी सफलता दर अधिक है। 2017 में वह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के लिए काम कर रहे थे लेकिन बुरी तरह विफल रहे। वह टीएमसी, टीआरएस, डीएमके और वाईएसआरसीपी के साथ सफल रहे हैं।  
कई मुद्दों को उठा चुके हैं किशोर 
जी-23 सूत्र का कहना है कि पार्टी नेतृत्व आंतरिक प्रतिभा की अनदेखी कर रहा है और किसी ऐसे व्यक्ति पर भरोसा कर रहा है जो पार्टी के प्रति वफादार नहीं है और एक पेशेवर सलाहकार है। उनका कहना है कि पीके कांग्रेस नेतृत्व को जो कुछ बता रहा है, उसे समूह पहले ही सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र और उसके बाद की बैठकों में उठा चुका है। किशोर नॉन-गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने, संसदीय बोर्ड के पुनरुद्धार, भाई-भतीजावाद को समाप्त करने और पार्टी को चुनावी मशीन में बदलने का सुझाव दे रहे हैं। ये सभी मुद्दे कांग्रेस के जी-23 ग्रुप पहले ही उठा चुका है।  
प्रशांत किशोर ने पार्टी के बड़े पैमाने पर सुधार का सुझाव दिया है 
कांग्रेसी नेता गांधी परिवार के बाहर किसी के पार्टी का नेतृत्व करने के सुझाव से असहमत हो सकते हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो प्रशांत किशोर ने पार्टी के बड़े पैमाने पर सुधार का सुझाव दिया है। कांग्रेस नेता कई बार चुनावी रणनीतिकार से मिल चुके हैं, जिन्होंने 2024 के चुनाव और छह विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक रोडमैप का सुझाव दिया था।  
कांग्रेस को 370 से 400 सीटों का लक्ष्य बनाना चाहिए 
पिछले शनिवार से, प्रशांत किशोर ने सोनिया गांधी और पार्टी के शीर्ष नेताओं के सामने 2024 के चुनावों के लिए एक रोडमैप पेश किया। इसके बाद, सोनिया गांधी ने इस पर गौर करने के लिए एक समिति बनाई और एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी। कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने बैठक के दौरान कहा था कि कांग्रेस को 370 से 400 सीटों का लक्ष्य बनाना चाहिए और जहां भी पार्टी कमजोर हो वहां गठबंधन पर काम करना चाहिए। 
दिग्विजय सिंह और अशोक गहलोत जैसे कांग्रेस नेताओं को प्रशांत किशोर के पार्टी के लिए काम करने से कोई परहेज नहीं है। गहलोत का कहना कि वह एक ब्रांड बन गए हैं। कांग्रेस नेताओं के यह कहने का संकेत है कि पीके को जल्द या बाद में बोर्ड में शामिल हो जाएगा।

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