देश सबसे बड़ी अदालत (सुप्रीम कोर्ट ) द्वारा गठित समिति ने शुक्रवार को नए कृषि कानूनों को लेकर पश्चिम बंगाल समेत देश के आठ राज्यों के 12 किसान संगठनों और किसानों के साथ विचार-विमर्श किया। समिति अब तक सात बैठकें कर चुकी है।तीन सदस्यीय समिति सभी हितधारकों के साथ ऑनलाइन एवं आमने-सामने बैठकर चर्चा कर रही है।
समिति ने एक बयान में कहा कि उसने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किसानों, किसान संगठनों और कृषक उत्पादक संगठनों से वार्ता की। इसके मुताबिक, आंध्र प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के किसानों एवं 12 किसान संगठनों ने समिति सदस्यों के साथ कानूनों पर विस्तार से चर्चा की।
समिति ने कहा कि बैठक में भाग लेने वाले सभी किसानों, किसान संगठनों और कृषक उत्पादक संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के संबंध में अपने विचार एवं सुझाव साझा किए। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत 12 जनवरी को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को लागू करने पर दो महीने के लिये रोक लगा दी थी और समिति से सभी हितधारकों से चर्चा के बाद दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था।
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं।