पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि देश की अंतरात्मा को चोट पहुंचाई गई है। ऐसा दोबारा न हो, इसके लिये सभी विकल्प तलाशने होंगे। उन्होंने कहा कि पूरे राजनीतिक वर्ग को आपसी सहयोग के माध्यम से संतोषजनक तरीके से इससे निपटने की जरूरत है ।
सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इसे पांच दशक से भी अधिक समय बाद सबसे बड़ा सैन्य टकराव बताया गया है।मुखर्जी ने एक बयान में कहा, ”सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि हमारे राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं।”
उन्होंने कहा, ”देश की अंतरात्मा को चोट पहुंचाई गई है। पूरे राजनीतिक वर्ग को आपसी सहयोग के माध्यम से संतोषजनक तरीके से इससे निपटने की जरूरत है । इसके लिये केंद्र सरकार को सशस्त्र बलों समेत विभिन्न हितधारकों को साथ लेना चाहिये।”
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पूर्व राष्ट्रपति ने सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान पर गहरा शोक व्यक्त किया।उन्होंने कहा, ”मेरा मानना है कि हमारी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने वाले वीर जवानों की शहादत से बढ़कर भारत माता की कोई और सेवा नहीं हो सकती। उनके बलिदान के दम पर ही हम स्वतंत्र हैं।”