RTI के खुलासे से महाराष्ट्र सरकार पर चाय-घोटाला का आरोप लगते हुए मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने महाराष्ट्र सरकार को घेरे में लेते हुए कहा की मुख्यमंत्री कार्यालय में रोजाना 18,500 कप चाय की खपत है। संजय निरुपम ने बताया की दो साल पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में 57,99,000 रुपये चाय पर खर्च हुए थे। उसके अगले साल यह खर्च एक करोड़, 20 लाख हो गया। 2017-18 में मुख्यमंत्री कार्यालय ने चाय पर तीन करोड़, 34 लाख रुपये के लगभग खर्च किया है।
यदि एक साल में इतना खर्च होता है, तो महीने में औसतन 27 लाख रुपये और प्रतिदिन लगभग 92,000 रुपये का खर्च चाय पर हो रहा है। इस प्रकार यदि चाय की कीमत पांच रुपये भी मानी जाए तो 18,951 चाय रोज मुख्यमंत्री के कार्यालय में पी जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि, ”सीएम किस प्रकार की चाय पीते हैं, क्योंकि मैंने सिर्फ ग्रीन टी, येलो टी और इसी तरह के कुछ नाम सुने हैं।
निरुपम ने तंज कसते हुए कहा कि, लगता है सीएम और सीएमओ इतना बड़ा बिल बनाने के लिए कुछ बेहद खर्चीली गोल्डन टी का उपयोग करते हैं। विडंबना है कि महाराष्ट्र में रोज किसानों की मौत हो रही है लेकिन सीएमओ चाय पर करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। आपके जानकारी के लिए बता दें कि तीन वर्ष में मुख्यमंत्री कार्यालय में चाय पर हुए खर्च में 577 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।निरुपम ने इसे मुख्यमंत्री कार्यालय का चाय घोटाला करार देते हुए कहते हैं कि चाय नहीं पी जा रही है।
चाय के नाम पर सिर्फ बिल भरकर घोटाला किया जा रहा है। जिस प्रकार बीजेपी के ही पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के अनुसार एक सप्ताह में ही 3,19,400 चूहे मंत्रालय में मार डाले गए। निरुपम ने तंज करते हुए कहा कि बीजेपी वालों को चाय से कुछ ज्यादा ही लगाव है। मोदी खुद को चाय वाला बताकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए।
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