विपक्षी दलों पर राजनीति के लिए बेकार के मुद्दे उठाने का आरोप लगााते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि इस बजट में गांव, गरीब, वंचित वर्गो, किसानों आदि के कल्याण के साथ उन सभी लोगों को मौका दिया है जो भारत की स्थिति, उसकी अर्थव्यवस्था को बदलना चाहते हैं।
लोकसभा में 2021-22 के केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्णयों और दूरदृष्टि के कारण देश प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बहुत काम किया है और बहुत काम अभी करने हैं और ‘‘मुझे विश्वास है कि सरकार उसे करेगी’’।
उन्होंने कहा कि इस बार बजट में हर क्षेत्र में पहले के बजटों के मुकाबले दोगुना या दोगुने से अधिक पैसा दिया गया है। लेखी ने कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि विभिन्न अर्थशास्त्रियों और संस्थाओं ने इस संबंध में भ्रामक भविष्यवाणियां की थीं।
एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 18 करोड़ मामले सामने आएंगे और एक करोड़ लोग मारे जाएंगे। इसी तरह एक अर्थशास्त्री ने कहा कि रोजाना देश में 50 से 70 लाख लोग इससे प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि ये सारी बातें गलत साबित हुईं।
लेखी ने कहा कि विपक्ष नफरत में इतना अंधा नहीं हो सकता कि सही चीजों पर भी सवाल खड़े करे। लेखी ने कहा कि कोरोना वायरस ने देश में आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया और इस सरकार ने उसी अवरोध को आधार बनाकर बजट तैयार किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत काम किया गया है और बहुत काम अभी किया जाना है और मुझे विश्वास है कि सरकार उसे पूरा करेगी।’’ लेखी ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जब इतने अच्छे काम हो रहे हैं तो कुछ जयचंदों को दिक्कत क्यों हो रही है।
मास्क पहनने से दिक्कत, लॉकडाउन से दिक्कत, टीके बनने से दिक्कत, जीएसटी संग्रह बढ़े तो दिक्कत, महिलाओं और बच्चों के लिए कल्याण के काम हों तो उन्हें परेशानी।’’ भाजपा सांसद ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं पहुंचाने के लिए ’पूरा’ की अवधारणा रखी थी जिस पर हमारी सरकार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार इतने वर्षों तक रही लेकिन गरीबों के पास बैंक खाता भी नहीं था लेकिन आज केंद्र सरकार ने जनधन खाते खोलकर और गरीबों, किसानों के खातों में धन पहुंचाकर उन्हें समृद्ध किया है। लेखी ने कहा कि देश डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर जा रहा है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर ‘जुमलेबाज’ होने के विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करने वाले, वोट बैंक के लिए उनका इस्तेमाल करने वाले लोग जुमलेबाज हैं या सरकार। एक वर्ग के तुष्टीकरण से विकास सहीं हो सकता।
लेखी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘एक परिवार को देश के विकास से ही दिक्कत है। अगर ऐसा न होता तो हरियाणा में किसानों की जमीन खत्म नहीं हो गयी होती।’’ उन्होंने कहा कि तब (कांग्रेस की सरकारों के समय) कुछ पूंजीपति लोगों को फायदा होता था। आज वो लोग भाई-भतीजावाद की बात करते हैं जिन्होंने अपने समय में खुद यही किया है।
लेखी ने कहा कि इस बजट ने उन सभी लोगों को मौका दिया है जो भारत की स्थिति, उसकी अर्थव्यवस्था को बदलना चाहते हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में ट्रेड यूनियनों के आंदोलनों की वजह से 5,800 कारखाने बंद हो गये और राज्य में पिछले कई वर्ष से सत्तारूढ़ पार्टी के लोग क्या बता पाएंगे कि उनकी सरकार ने कितने कारखाने खोले हैं, कितने कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया है।