प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव’ पर जवाब देते हुए कहा, बीजेपी नीत राजग को लोकसभा चुनाव में मिले बहुमत को ‘‘देश की हार’’ बताने के लिए कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ऐसा कहना देश के करोड़ों मतदाताओं, किसानों एवं मीडिया का अपमान है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘‘ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब चुनाव स्वयं जनता लड़ती है। 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी।’’
उन्होंने कहा कि ये चुनाव विशेष थे, कई दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकारें बनना मतदाताओं की सोच की स्थिरता जाहिर करता है। मोदी ने कहा कि बीजेपी की जीत को लोकतंत्र तथा देश की हार बताना लोकतंत्र का अपमान है। विपक्षी कांग्रेस पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ कांग्रेस हारी तो देश हार गया। देश यानी कांग्रेस, कांग्रेस यानी देश। अहंकार की एक सीमा होती है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है।
यह कहकर कि 2,000 रुपये की योजना के कारण किसानों ने खुद को बेच दिया, यह किसानों का अपमान है। मैं हैरान हूं, यहां तक कि मीडिया को भी गाली दी गई, कहा गया कि मीडिया के कारण चुनाव जीते गए। जिन राज्यों में हमारी सरकार नहीं है उनमें भी यही लागू होगा क्या. तमिलनाडु और केरल में भी यही लागू होगा क्या। कुछ लोग इस सदन में ईवीएम के मुद्दे को उठाते रहे। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि एक समय था जब हमारे पास संसद में सिर्फ 2 सांसद थे। लोगों ने हमारा मजाक बनाया। लेकिन, हमने कड़ी मेहनत की और लोगों का विश्वास जीता। हमने बहाना नहीं बनाया और पोलिंग बूथ को दोष दिया। हमें सराहना करनी चाहिए कि हमारी चुनावी प्रक्रिया में पिछले कुछ वर्षों में कैसे सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में मतदान प्रक्रिया पूरी होने में लंबा समय लगा। कुछ स्थानों पर हिंसा और बूथ कैप्चरिंग आम थी। अब खबर मतदाता के बढ़ते मतदान के बारे में है। यह एक स्वस्थ संकेत है। ईवीएम के साथ बहुत सारे चुनाव हुए हैं और राज्यसभा में मौजूद पार्टियों को ईवीएम के माध्यम से चुनाव कराने के बाद विभिन्न राज्यों में शासन करने के अवसर मिले हैं। फिर, आज ईवीएम पर सवाल क्यों?
चुनाव आयोग ने ईवीएम के मुद्दे पर पार्टियों को आमंत्रित किया था लेकिन सिर्फ दो दलों ने स्वीकार किया- सीपीआई और एनसीपी। मैं इस मुद्दे के बारे में अधिक जानने के लिए चुनाव आयोग जाने के लिए उनकी सराहना करता हूं। लेकिन, ईवीएम पर सवाल उठाने वाली बाकी पार्टियों ने जाने की जहमत क्यों नहीं उठाई, इसका जवाब देना चाहिए। कांग्रेस में मेरे दोस्त बीजेपी की जीत को पचा नहीं पाए हैं, वे हार नहीं मान पाए हैं। यह लोकतंत्र में स्वस्थ संकेत नहीं है।
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पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की चर्चा करते समय यही दृष्टिकोण दिखाई देता है। हां, कुछ को यह विचार पसंद नहीं आ रहा है या इस पर उनके विचार हैं लेकिन, इन विचारों को प्रस्तुत करना और इस पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। मतदाता अब बहुत जागरूक हैं, उन्हें न केवल यह पता है कि लोकसभा में क्या हो रहा है, बल्कि राज्यसभा में भी क्या हो रहा है, और उन्होंने इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इस बार मतदान किया।
अब वे न्यू इंडिया का नारा लगा रहे हैं। क्या वे पुराना भारत वापस चाहते हैं? पुराना भारत जहां कैबिनेट के फैसले प्रेस मीटिंग में फाड़े जाते थे, पुराना भारत जहां नेवी का इस्तेमाल निजी यात्राओं के लिए किया जाता था, पुराने भारत में जहां कई घोटाले मौजूद थे, पुराना भारत जिसने टुकडे टुकडे गिरोह का समर्थन किया था?
गुलाम नबी आज़ाद को लेकर पीएम मोदी ने कहा, मुझे लगता है कि आज़ाद साहब को दृष्टि दोष है, शायद वह राजनीतिक चश्मे से सब कुछ देख रहे है। ग़ालिब ने इस तरह के लोगों के लिए कुछ कहा ‘ता उम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा, धुल चेहरे पे थी, आइना साफ़ करता रहा’।
झारखण्ड मॉब लिंचिंग को लेकर पीएम मोदी ने कहा की झारखण्ड में लिंचिंग ने मुझे पीड़ा दी है। इसने दूसरों को भी दुखी किया है। लेकिन, राज्यसभा में कुछ लोग झारखंड को लांछन का केंद्र कह रहे हैं। क्या यह उचित है? वे पूरे राज्य का अपमान क्यों कर रहे हैं। हममें से किसी को भी झारखंड राज्य का अपमान करने का अधिकार नहीं है।
आगे उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि इस घर में ऐसा कोई नहीं है जो भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर के इकोनॉमी क्लब का हिस्सा बनाना पसंद नहीं करेगा। कृपया हमें रचनात्मक सुझाव दें, हम सभी सुझावों के लिए खुले हैं, हमें विश्वास नहीं है कि हमारे पास केवल सभी बुद्धि है। बिहार में आए चमकी बुखार को लेकर हुई मौत को पीएम मोदी ने अपनी सरकार की सबसे बड़ी नाकामयाबी बताया है। उन्होंने कहा, यह अत्यंत दुखद और शर्मनाक है कि बिहार में मस्तिष्क ज्वर से बच्चों की मौत हुई।
कांग्रेस पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, आप हर चीज का श्रेय लेते हैं, क्या आप एनआरसी का श्रेय नहीं लेंगे? राजीव गांधी ने असम समझौते में NRC को स्वीकार किया था। तब सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा था। इसके अलावा, SC ने हमें निर्देशित किया इसलिए हमने इसे लागू किया है। तो आप इसका श्रेय क्यों नहीं ले रहे हैं?
देश में 226 जिले हैं जहां पानी का संकट है। अब मैं इससे निपटने के लिए सभी को जुटाने की कोशिश कर रहा हूं, हम कैसे एमपीलैड फंड में पानी को प्राथमिकता दे सकते हैं। हमें पानी के मुद्दों पर भी समाज को जागरूक करना होगा। एक जल शक्ति मंत्रालय भी स्थापित किया गया है।