रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध में अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन करने के लिए परमवीर चक्र से अलंकृत कर्नल होशियार सिंह की पत्नी के पैर छुए। रक्षा मंत्री ने आज नई दिल्ली में विजय पर्व समाधान समारोह में उनसे मुलाकात की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत के साथ 1971 के युद्ध में पाकिस्तान ने अपनी सेना का एक तिहाई, नौसेना का आधा और वायु सेना का एक चौथाई हिस्सा खो दिया था। यह विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण जीत थी।
इससे पहले राजनाथ सिंह समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत दुनिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण जीत में से है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को भारत के आगे घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा था।
विजय पर्व के दौरान
बता दें कि इस साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे हो गए हैं। इसे बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के तौर पर भी जाना जाता है। भारत ने पाकिस्तान को इस युद्ध में धूल चटाई थी और फिर बांग्लादेश का जन्म हुआ था। विजय पर्व के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ के माध्यम से पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों का भी अंत हुआ था। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण विश्व के इतिहास का एक ऐतिहासिक आत्मसमर्पण था।”
उन्होंने कहा, ”1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण जीत साबित हुई। पाकिस्तान ने इस युद्ध में अपनी एक तिहाई थल सेना, आधी नौसेना और एक चौथाई वायुसेना को गंवा दिया था”।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 1971 के युद्ध में उसकी सभी योजनाओं को विफल कर दिया और फिलहाल वे आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने सीधा युद्ध जीता और मैं पूरी तरह से आश्वस्त कर सकता हूं कि हम परोक्ष युद्ध भी जीतेंगे।