15 नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट

15 नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट
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चारधाम यात्रा सनातन धर्म में चार धाम यात्रा को बहुत है महत्वपूर्ण माना जाता है। वही , ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति चार धाम में से किसी एक धाम के भी दर्शन कर लेता है उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में दो प्रकार की चार धाम यात्रा की जाती है। एक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा और दूसरा बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वरम और द्वारका धाम की यात्रा। यह सभी पवित्र धाम देश के विभिन हिस्सों में मौजूद हैं, जिसके कारण इसे बड़ा चार धाम यात्रा भी कहा जाता है।
15 नवंबर के दिन बंद होंगे यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट
वही , आपको बताते चले कि चारधाम यात्रा ( बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ) इस समय पूरे चरम पर चल रही है। जहां हर रोज एक नया रिकॉर्ड बन रहा है, वहीं अब चारधाम यात्रा में चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि की एक-एक कर घोषणा शुरू हो गई है। 15 नवंबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 6 महीने के लिए बंद हो जाएंगे।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन प्रवास श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। विजय दशमी को ही द्वितीय केदार मद्महेश्‍वर के कपाट बंद होने की तिथि श्री ओंकारेश्‍वर मंदिर, उखीमठ में और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय होगी। साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी मंगलवार 24 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम में तय की जाएगी।
कपाट बंद होने की तिथि घोषित करने के लिए श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में धार्मिक समारोह आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के मुताबिक, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मौजूदगी में रावल और धर्माधिकारी पंचांग गणना के बाद कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह सहित अन्‍य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहेंगे।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की तिथि तय करने के कार्यक्रम समारोह में यात्रा वर्ष 2024 के लिए मंदिर भंडार की जिम्मेदारी के तहत मंदिर समिति द्वारा हकहकूक धारियों को पगड़ी भेंट की जाएगी।

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