उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कुशल व्यक्तियों को तैयार करने और अनुसंधान के बेहतर परिणामों के लिए उच्च शिक्षा में बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि विषयों को एक-दूसरे से अलग-अलग रखने का युग समाप्त हो गया है। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों में मानविकी विषयों को समान महत्व देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
21वीं सदी की अर्थव्यवस्था में इन गुणों की अत्यधिक मांग है
उत्तरी गोवा जिले के पेरनेम में संत सोहिरोबनाथ अंबिया गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के नए परिसर का उद्घाटन करने के बाद नायडू ने कहा कि कला और सामाजिक विज्ञान के विषय रचनात्मकता बढ़ाने, सोच को बेहतर बनाने और छात्रों के बीच संचार कौशल को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक और अन्य की उपस्थिति में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ”21वीं सदी की अर्थव्यवस्था में इन गुणों की अत्यधिक मांग है, जहां अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र अकेले कार्य नहीं करता है।” उन्होंने कहा, ”विषयों में जटिल भिन्नताओं का युग अतीत की बात है क्योंकि आज विश्व कुशल व्यक्तियों को तैयार करने तथा अनुसंधान के बेहतर परिणामों के लिए उच्च शिक्षा में बहु-विषयक दृष्टिकोण अपना रहा है।”