नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और हालिया घटनाक्रमों के परिप्रेक्ष्य में वकीलों के एक समूह ने मंगलवार को संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, संजय पारिख और प्रशांत भूषण के नेतृत्व में वकीलों का एक समूह सुप्रीम कोर्ट परिसर में इकट्ठा हुआ और संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।
प्रस्तावना पढ़ने का उनका आशय यह बताना था कि देश में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। वकीलों ने किसी तरह की कोई नारेबाजी नहीं की। वकीलों द्वारा प्रस्तावना पढ़ जाने का उद्देश्य संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को याद कराना है।