कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कोरोना महामारी के हालात पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाया जाए। चौधरी ने पत्र में कहा कि संसद का सत्र बुलाना जरूरी है ताकि कोरोना वायरस से परेशान लोगों की जिंदगी को आसान बनाने का रास्ता ढूंढा जा सके।
उन्होंने देश में कोरोना महामारी के हालात के गंभीर होने का दावा किया और कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए राष्ट्रीय समाधान तलाशने की जरूरत है। गत शुक्रवार को हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में भी यह कहा गया था कि संसद का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और पार्टी के कुछ अन्य नेता भी संसद का आपात सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि भविष्य में वह इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि संदेह के कारण उन्होंने वाम मोर्चा से भी आईएसएफ के साथ गठबंधन नहीं करने को कहा है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, वाम मोर्चा और आईएसएफ का संयुक्त मोर्चा कोई भी कमाल दिखाने में असफल रहा। गठबंधन को राज्य में सिर्फ एक सीट मिली और वह भी इस्लामिक धर्मगुरु द्वारा जनवरी में गठित पार्टी (आईएसएफ) के हिस्से में गयी। लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने बताया, ‘‘मैं कभी नहीं चाहूंगा कि आईएसएफ ऐसे किसी गठबंधन का हिस्सा बने जहां हम भी हों।’’
उन्होंने दोहराया कि उनकी पार्टी कभी आईएसएफ के साथ गठबंधन करने नहीं गयी थी, वाम मोर्चा उनसे मिला था।कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (वाम मोर्चा) ऐसा नहीं करने को कहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि वे वादा कर चुके हैं। और अब आप परिणाम देख सकते हैं।’’
चौधरी ने कहा कि चूंकि कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच पहले से साझेदारी थी, इसलिए संयुक्त मोर्चा का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि मोर्चे का असफल होना तय था क्योंकि ‘‘पश्चिम बंगाल के लोगों ने गठबंधन को स्वीकार करने से इंकार कर दिया।’’