सीबीआई प्रमुख आर के शुक्ला बनकर कथित रूप से सीमा शुल्क के वरिष्ठ अधिकारियों को धमकाने वाले दो जालसाजों के खिलाफ जांच एजेंसी ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया । अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एफआईआर के मुताबिक माना जा रहा है कि कथित जालसाजों ने दो तरीकों का इस्तेमाल कर खुद को सीबीआई अधिकारी के तौर पर पेश किया- एक मोबाइल नंबर शुक्ला के नंबर के तौर पर सेव कर और दूसरा फोन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर एजेंसी के लैंडलाइन नंबर को स्पूफ कर।
एजेंसी की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर में इस बात का जिक्र नहीं है कि जालसाज खुद को सीबीआई प्रमुख के तौर पर पेश कर रहे थे, एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि जालसाजों ने एक नंबर सेव किया था जो स्पैम फिल्टर मोबाइल ऐप में शुक्ला के नंबर के तौर पर दिखता था और सामने वाला जब फोन उठाता तो उसे यह सीबीआई निदेशक के नंबर के तौर पर प्रतीत होता था।
अधिकारियों ने कहा कि ये जालसाज मध्य दिल्ली के एक चार सितारा होटल में रह रहे थे जहां से इन्हें गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई प्रवक्ता नितिन वाकांकर ने कहा, “एक त्वरित अभियान में सीबीआई ने जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर खुद को पेश करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में छापेमारी की गई और आगे की जांच जारी है।”
अधिकारियों ने कहा कि जालसाजों ने जिस नंबर का इस्तेमाल किया था उसका प्रयोग सीबीआई प्रमुख ने कभी नहीं किया।
दो महीनों के अंदर यह इस तरह का दूसरा मामला है। इससे पहले जालसाजों के एक अन्य समूह ने सीबीआई अधिकारी बनकर मुंबई की एक महिला कारोबारी को उसके खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में सीबीआई के ईमेल एड्रेस को स्पूफ कर के धमकी दी थी।
अधिकारियों ने कहा कि नए मामले में सीबीआई ने हरिद्वार निवासी दक्ष अग्रवाल और यहां फिरोजशाह रोड स्थित सिल्वर ऑर्क अपार्टमेंट के निवासी पुनीत पारीख को गिरफ्तार किया है। इन पर कथित रूप से सीमा शुल्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके खिलाफ सीबीआई जांच के नाम पर धमकाने का आरोप है।
एफआईआर के मुताबिक संदिग्ध व्यक्तियों ने मोबाइल नंबर 9090999999 को सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के नंबर के तौर पर सेव किया था जिससे यह लगे की सीबीआई का वरिष्ठ अधिकारी नंबर का इस्तेमाल कर रहा है।
एफआईआर में कहा गया कि संदिग्धों ने जालसाजों ने लैंडलाइन नंबर 011-24360213 से भी अधिकारियों को धमकाने के लिये फोन किये। यह नंबर सीबीआई, नई दिल्ली के नाम पर पंजीकृत है।
सीबीआई को सूत्रों से जानकारी मिली की लैंडलाइन नंबर जालसाजों द्वारा स्पूफ किया जा रहा है और सीजीएसटी, आयुक्त राजेश सनन को भी एक फोन किया गया था।