कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई डिजिटल बैठक के दौरान कई नेताओं ने विपक्ष के विचार-विमर्श में संसद में प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले दलों को भी शामिल करने का मुद्दा उठाया।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में उन्नीस विपक्षी दलों ने भाग लिया, जहां तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी सहित कई नेताओं ने इस तरह के विचार-विमर्श में छोटे दलों को शामिल करने का मुद्दा उठाया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी क्षेत्रीय ताकतों को एकजुट करने का विचार है, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो।
सूत्रों ने संकेत दिया कि बनर्जी ने इस तरह की बैठकों में भाकपा (माले) को शामिल करने पर जोर दिया, जिसने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 12 सीटें हासिल की थीं।
उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं की औपचारिक मुलाकात से पहले ऐसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए विपक्षी दलों द्वारा एक कोर कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। गांधी ने उनके प्रस्ताव पर सहमति जताई।
अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि फॉरवर्ड ब्लॉक जैसी पार्टियों को ऐसी बैठकों में आमंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) जैसी पार्टियों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। हालांकि, फिलहाल इस संबंध में कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी विरोधी सभी दलों को संयुक्त विपक्ष के खेमे में लाने का प्रस्ताव का इसलिए भी महत्व है क्योंकि यह बैठक संसद में विपक्षी एकता के प्रदर्शन के तुरंत बाद हुई है।