लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

सुनियोजित साजिश के तहत दिया गया लखीमपुर खीरी घटना को अंजाम : SIT

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआईटी ने अदालत से कहा है कि चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या की घटना एक सोची-समझी साजिश थी

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआईटी ने अदालत से कहा है कि चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या की घटना एक ‘‘सोची-समझी साजिश’’ थी तथा उसने मामले में अधिक गंभीर आरोपों को शामिल किए जाने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा इस मामले के 13 आरोपियों में शामिल है।
मजिस्ट्रेट ने SIT को मुकदमे में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने को इजाजत दे दी
एसआईटी के आवेदन पर दलीलों को सुनने के बाद लखीमपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) चिंता राम ने गत तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा के मामले की पड़ताल कर रही एसआईटी को मुकदमे में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने की मंगलवार को इजाजत दे दी।
मामले में एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से तिकोनिया मामले में धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (लापरवाही के कारण गम्भीर चोट पहुंचाना) और 304-अ (लापरवाही के कारण मौत) जैसे कम गंभीर आरोपों को धारा 307 (हत्या के प्रयास) से बदलने का आग्रह किया था।
एसआईटी ने मुकदमा दर्ज करते वक्त धारा 302 (हत्या), 147 (बलवा), 148 (घातक हथियार लेकर बलवा), 149 (विधि विरुद्ध जनसमूह के किसी सदस्य द्वारा उस जनसमूह के समान लक्ष्य का अभियोजन करने में कोई अपराध किया जाना) और 120-ब (आपराधिक साजिश) की धाराएं लगायी थीं।
एसआईटी ने मामले के 13 अभियुक्तों के वारंट में धारा 326 (खतरनाक हथियारों से जानबूझकर चोट पहुंचाना), 34 (साझा मंशा से अनेक लोगों द्वारा कृत्य करना) और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25/30 को भी जोड़ने की सिफारिश की थी।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एस.पी. यादव ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंता राम ने विशेष जांचकर्ताओं को मुकदमा संख्या 219 में 13 अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 326 और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25/25 को जोड़ने की अनुमति दे दी। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष इस मामले में मुख्य अभियुक्त है।”
उन्होंने कहा, ‘‘अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को मुकदमे से धारा 279, 338 और 304-अ हटाने की भी अनुमति दे दी।”
तिकोनिया हिंसा मामले में मुकदमा संख्या 219 के सभी 13 अभियुक्तों को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। वे सभी तिकोनिया में गत तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों और एक स्थानीय पत्रकार की मौत से संबंधित मुकदमे में आरोपी हैं।
बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत में जिरह के दौरान भादंसं की धारा 34 और शस्त्र अधिनियम की धाराओं पर आपत्ति दर्ज करायी। एसपीओ ने बताया कि इस पर अदालत ने धारा 34 को असंगत माना क्योंकि अभियुक्तों को धारा 149 के तहत पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है।
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक की विवेचना और संकलित साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि जिस हिंसा के कारण चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई और कई अन्य लोग घायल हुए, वह ‘‘लापरवाही का मामला नहीं’’ था।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एस.पी. यादव के मुताबिक, एसआईटी के मुख्य विवेचक निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिए गए आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्‍त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों पर तीन अक्टूबर को खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर जीप चढ़ाकर उन्हें कुचलने का आरोप है।
यादव ने बताया कि विवेचक दिवाकर ने सीजेएम को दिए गए आवेदन में उपरोक्‍त मुकदमे का संदर्भ देते हुए कहा है कि मुकदमा अपराध संख्या 219/21 में धारा 147, 148, 149, 279, 338, 304 ए, 302 और 120 बी के तहत आशीष मिश्रा मोनू आदि के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया था। इसके तहत आरोपी आशीष मिश्रा समेत कुल 13 लोगों को उपरोक्‍त धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया जो जिला कारागार में हैं।
एसपीओ के मुताबिक विवेचक ने सीजेएम को दिए आवेदन में कहा है कि अब तक की विवेचना व संकलित साक्ष्यों से यह प्रमाणित हुआ है कि उपरोक्त अभियुक्तों ने यह आपराधिक कृत्य लापरवाही से नहीं, बल्कि जानबूझकर पूर्व में सुनियोजित योजना के अनुसार जान से मारने की नीयत से किया, जिससे पांच लोगों की मृत्यु हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए।
जानिए ! लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के बारे 
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा का किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध के दौरान भड़की हिंसा में चार किसान, एक पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी। इस संबंध में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे।
पहली प्राथमिकी संख्या 219/2021 किसान जगजीत सिंह ने चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में दर्ज कराई थी। इसमें उसने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू तथा 15 से 20 अन्य को आरोपी बनाया था।
दूसरी प्राथमिकी संख्या 220/221 भाजपा कार्यकर्ता सुमित जायसवाल द्वारा भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की मौत के मामले में दर्ज कराई गई थी, जिसमें उसने अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों मामलों की जांच के लिए नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। बाद में, उच्चतम न्यायालय ने एसआईटी का पुनर्गठन किया। विशेष जांचकर्ताओं ने तीन अक्टूबर की हिंसा की जांच करते हुए आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, सुमित जायसवाल, अंकित दास और अन्य सहित मुकदमा संख्या 219 में 13 लोगों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार किया, जबकि प्राथमिकी संख्या 220 में चार लोगों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ को बचाना बंद कर देना चाहिए, जिनके बेटे को तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
कांग्रेस की महासचिव और उत्‍तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की भूमिका की भी जांच की मांग की है।
वाद्रा ने सोमवार को ट्वीट किया ”न्‍यायालय की फटकार एवं सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्य मंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था।”
इसी ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृह राज्य मंत्री की क्या भूमिका थी, लेकिन (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी किसान विरोधी मानसिकता के चलते आपने तो उन्हें पद से भी नहीं हटाया है।”
वाद्रा ने एक बयान में कहा, ‘‘लखीमपुर किसान नरसंहार के दो महीने बाद जांच कर रही एसआईटी का कहना है कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे एवं अन्य आरोपियों ने आपराधिक कृत्य लापरवाही से नहीं, बल्कि जानबूझकर पूर्व सुनियोजित योजना के अनुसार जान से मारने की नीयत से किया था।’’
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘इस मामले में किसानों ने शुरुआत से ही ये बात कही कि गृह राज्यमंत्री के बेटे ने साज़िश करके इस घटना को अंजाम दिया था। माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी घटना की निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित कराने को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी एवं जांच की धीमी गति एवं जांच के तरीक़े पर अप्रसन्नता व्यक्त की थी।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘एसआईटी ने माना कि लखीमपुर किसान नरसंहार सुनियोजित योजना से किया गया। फिर गृह राज्यमंत्री को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री क्यों बचा रहे हैं?’’
प्रियंका ने कहा, ‘‘पीड़ित परिवार और हम सत्याग्रह कर रहे लोग पहले दिन से मांग कर रहे हैं कि गृह राज्यमंत्री की बर्ख़ास्तगी हो, क्योंकि घटनास्थल पर मौजूद लोगों एवं पीड़ित परिवारों का साफ़-साफ़ कहना था कि पूरी साज़िश करके हिंसा की गई और किसानों को कुचला गया। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपनी किसान विरोधी मानसिकता का खुला प्रदर्शन करते हुए गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ मंच साझा किया एवं उनको सरंक्षण दिया।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘लखीमपुर’ और ‘हत्या’ हैशटैग इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘‘मोदी जी, फिर से माफ़ी मांगने का समय आ गया…लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ। सच सामने है!’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह भी कहा कि ‘धर्म की राजनीति करने वाले’ प्रधानमंत्री को राजनीति का धर्म निभाना चाहिए।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘धर्म की राजनीति करते हैं, आज राजनीति का धर्म निभाइए, उत्तर प्रदेश में गए ही हैं, तो मारे गए किसानों के परिवारों से मिलकर आइए। अपने मंत्री को बर्खास्त न करना अन्याय है, अधर्म है!’’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आदरणीय मोदी जी, अब तो लखीमपुर खीरी में किसानों का क़त्ल करने का षड्यंत्र सामने आ गया। आज आप उत्तर प्रदेश में मंच से किसानों से माफ़ी मांगें और देश के गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करें। वरना ये साबित हो जाएगा कि किसानों का नरसंहार योगी-मोदी सरकार के इशारे पर हुआ था।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen + twelve =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।