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लोक सभा अध्यक्ष राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के छठे सम्मेलन का उदघाटन करेंगी

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पटना : लोक सभा अध्यक्षए श्रीमती सुमित्रा महाजन 17 फरवरी 2018 को 10:30 बजे ज्ञान भवन सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर पटनाए बिहार में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के छठे सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी । इस सम्मेलन के उदघाटन समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल होंगे । बिहार विधान सभा के माननीय अध्यक्षए विजय कुमार चौधरी स्वागत भाषण देंगे । बिहार के माननीय उप मुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी और बिहार विधान सभा में नेता विपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे ।

Smt. Sumitra Mahajanराष्ट्रमंडल संसदीय संघ की कार्यकारिणी समिति की माननीय अध्यक्ष एमीलिया एम. लिफाका भी गण्यमान्य प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगी । बिहार विधानमंडल के वर्तमान और पूर्व सदस्य तथा अन्य विशिष्टजन भी उदघाटन समारोह में शामिल होंगे । इस दो दिवसीय सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होगी विकास अजेंडा में संसद की भूमिका और विधायिका और न्यायपालिका लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तम्भ । लोक सभा की प्राक्कलन समिति के माननीय सभापति डॉ मुरली मनोहर जोशी तथा माननीय विधि और न्याय तथा इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रीए रवि शंकर प्रसाद दो पूर्ण सत्रों में मुख्य भाषण देंगे ।

बिहार के राज्यपाल महामहिम सत्यपाल मलिक 18 फरवरी 2018 को बिहार विधान सभा में आयोजित किए जा रहे समापन सत्र को संबोधित करेंगे । लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन बिहार विधान सभा के अध्यक्षए विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद् के उपसभापति मोहम्मद हारुन रशीद राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के महासचिव अकबर खान, प्रतिनिधि ,संसद और बिहार विधानमंडल के वर्तमान और पूर्व सदस्य तथा अन्य विशिष्टजन भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे ।

जहां तक पहले विषय अर्थात विकास अजेंडा में संसद की भूमिका का संबंध है । यह आवश्यक है कि विकास की धारणा में प्रत्येक व्यक्ति के लिए सम्मानजनक जीवनए स्वतंत्रता का अधिकार, समानता और जीवनयापन की बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जाए । जनता से जुड़े मुद्दों को अधिकाधिक महत्त्व दिए जाने के साथ साथ सतत विकास पैटर्न को बढावा दिया जा रहा है । इस प्रकार सतत विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की वचनबद्धता इसके राष्ट्रीय विकास अजेंडा में दिखाई देती है ।

सितम्बर 2015 में विश्व नेताओं ने वर्ष 2030 तक गरीबी को समाप्त कर, दुनिया की रक्षा कर और सभी के लिए खुशहाली सुनिश्चित करके इस दुनिया को बदलने के लिए सतत विकास के लिए वर्ष 2030 अजेंडा के व्यापक ढाँचे के भीतर 17 सतत विकास लक्ष्य और 169 टारगेट स्वीकार किये । सर्वोच्च प्रातिनिधिक संस्था के रूप में संसद को राष्ट्रीय विकास योजनाओंए नीतियों और इसके परिणामों पर वाद.विवाद और चर्चा करने और इन्हें अनुमोदित करने और विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराने की जिम्मेदारी दी गई है ।

जन प्रतिनिधियों के रूप में सांसदों के साथ साथ.साथ विधायक भी न केवल नीतियां तैयार करने और इन्हें लागू करने के कार्य में सक्रिय रूप से शामिल हो सकते हैं बल्कि कानूनों को पर्याप्त रूप से गरीबों अल्पसंख्यकों और महिलाओं के प्रति अनुकूल बनाने के साथ इन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने का कार्य भी कर सकते हैं ताकि सतत विकास लक्ष्यों में शामिल मुख्य उद्देश्यों को समग्र रूप से देश भर में प्राप्त किया जा सके । इस सम्मेलन के दौरान विचार किया जाने वाला दूसरा विषय अर्थात विधायिका और न्यायपालिका -ृ लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तम्भ भी अत्यधिक समसामयिक और प्रासंगिक विषय है ।

हमारे संविधान निर्माताओं को यह आशंका थी कि यदि लोकतंत्र के एक अंग के पास बहुत अधिक शक्ति हो तो हमारी लोकतांत्रिक राज्यव्यवस्था को ख़तरा हो सकता है । इसलिए उन्होंने ऐसी पद्धतियों के बारे में विचार किया जिससे तीनों अंग अपने अपने क्षेत्र में रहते हुए भी एक दूसरे के साथ संतुलन सुनिश्चित करते हुए मिलजुलकर काम कर सकें ताकि देश के काम.काज को प्रभावी ढंग से चलाया जा सके ।

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की 180 से भी अधिक शाखाएं संसदीय लोकतंत्र शासन पद्धति वाले राष्ट्रमंडल देशों के विधानमंडलों में स्थापित की गई हैं । राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की सभी शाखाएं नौ राष्ट्रमंडल क्षेत्रों में भौगौलिक दृष्टि से विभाजित की गई हैं । राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र पहले राष्ट्रमंडल संसदीय संघ एशिया क्षेत्र का भाग था । लेकिन 7 सितम्बर 2004 से यह एक स्वतंत्र क्षेत्र बन गया । राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के भारत क्षेत्र में भारत संघ शाखा भारत की संसद और 31 राज्य संघ राज्य क्षेत्र शाखाएं हैं ।

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सम्मेलन का आयोजन दो साल में एक बार किया जाता है और इसका पांचवां सम्मेलन गोवा में आयोजित किया गया था । राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के छठे सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है । पहली बार राष्ट्रमंडल संसदीय संघ कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षए एमीलिया एम लिफाका, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के महासचिव तथा राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र अफ्रीका क्षेत्र और प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र सम्मेलन में भाग लेंगे

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