मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हर बार चुनाव के समय राम मंदिर का मुद्दा उठाकर समाज में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश करती है और इस बार भी उसने ऐसा ही किया है लेकिन अब जनता का मूड बदल रहा है और वह इस सरकार को हटाना चाहती है।
सीताराम येचुरी ने आज यहाँ भारतीय महिला प्रेस कोर में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में यह बात कही। उन्होंने अपने आरंभिक उद्बोधन में राजधानी में कल होने वाली किसान रैली का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने गत चार सालों में न तो किसानों की मांगे मानी और न युवकों को अपने किये गये वादों के अनुरूप रोजगार दिया। उसने चुनाव से पहले राम मंदिर के मुद्दे उठाकर सामाजिक ध्रुवीकरण करते हुए वोट बैंक राजनीति की लेकिन अब जनता का मूड बदल रहा है और वह भाजपा को सत्ता से हटाना चाहती है।
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उन्होंने कहा कि जब 2004 में अटल सरकार हटी थी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार आयी थी तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार जायेगी लेकिन जनता ने अपने विवेक का परिचय दिया और इस बार भी जनता 2019 के चुनाव में अपने विवेक का परिचय देगी क्योंकि अब उसका मूड बदल रहा है और वह मोदी सरकार की हकीकत जान गयी है।
माकपा महासचिव ने कहा कि मोदी सरकार अब आकड़ों को बदलकर सकल घरेलू उत्पाद की गलत तस्वीर पेश कर रही है तथा संप्रग सरकार के कार्यकाल की विकास दर को गलत बता रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2016-17 के रोजगार के आंकड़ को भी पिछले 18 महीने से सार्वजनिक नहीं कर रही है ताकि देश में रोजगार की हकीकत का पता न चल सके। इतना ही नहीं पहले कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी के गलत असर संबंधी रिपोर्ट दी थी अब सरकार के दबाव में उस रिपोर्ट को बदल कर नोटबंदी को फायदेमंद बताया जा रहा है, सरकार केवल दुष्प्रचार कर रही है।
यह कहे जाने पर कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गौशाला बनाने का वादा किया है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मंदिरों में पूजा कर रहे हैं, सीताराम येचुरी ने कहा कि कांग्रेस भी साम्प्रदायिकता के साथ समझौते कर रही है और वह भी नरम हिंदुत्व की राजनीति करती है लेकिन माकपा उसका पहले भी विरोध करती रही है और आज भी उसका विरोध करती है।
माकपा नेता ने इस बात पर भी गहरी चिंता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री मोदी अपने राजनीतिक बयानों में भाषा की गरिमा और स्तर को लगातार गिरा रहे हैं और व्यक्तिगत हमले अधिक कर रहे हैं। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने करतार पुर गलियारे और पाकिस्तान के साथ संवाद करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत को आतंकवाद का विरोध करते हुए पाकिस्तान के साथ वार्ता भी जारी रखना चाहिए तभी दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरेंगे क्योंकि बिना बातचीत के यह संभव नही है।
श्री येचुरी ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मालिक के इस बयान पर गहरी चिंता व्यक्त की कि भाजपा वहां सज्जाद लोन के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती थी, इसलिए विधानसभा भंग कर दी गयी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लोगों में आत्मविश्वास बहाल करने का कोई गंभीर प्रयास किया ही नहीं और गत चार सालों में पड़सी देशों के साथ भी भारत के रिश्ते ़खराब हो गये।