केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दो नए जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इन न्यायाधीशों, राजेश बिंदल और अरविंद कुमार दोनों की सिफारिश कॉलेजियम ने की थी, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी थी। इसका मतलब यह है कि सुप्रीम कोर्ट में अब जजों का पूरा कोरम है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि कोर्ट में कुल 34 पद हैं।
पिछले हफ्ते पांच नए जजों के नामों को मंजूरी दी
पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट में पांच नए न्यायाधीशों को नामित किया गया था। इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय में कुल 32 न्यायाधीश हैं, जो एक कोरम के लिए पर्याप्त है। सुप्रीम कोर्ट में अब कोई रिक्तियां नहीं हैं, और हम आपको बताएंगे कि क्यों। लंबी लड़ाई के बाद सरकार ने पिछले हफ्ते पांच नए जजों के नामों को मंजूरी दी। शनिवार को उनके नाम से अधिसूचना जारी की गई और उन्होंने सोमवार को शपथ ली।
रिजिजू ने इस मसले को लेकर CJI को लिखा था पत्र
सरकार में कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से जजों की नियुक्ति के लिए एक औपचारिक प्रक्रिया बनाने के लिए कहा है। लेकिन कोर्ट ने कहा है कि ऐसा जरूरी नहीं है, क्योंकि सरकार के पास ऐसा करने की लिखित योजना पहले से ही है। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने इस मसले को लेकर CJI को पत्र लिखा है। जजों की नियुक्ति के तरीके को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच काफी तनाव रहा है।