कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच शुक्रवार को विज्ञान भवन में आठवें राउंड की वार्ता हुई । इस मीटिंग में हर बार की तरह केंद्र सरकार के तीन मंत्री और 40 किसान नेता हिस्सा शामिल हुए। इस बीच मिली जानकारी के अनुसार सरकार-किसानों की बैठक खत्म हो गयी है और अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी।
केंद्र के साथ आठवें दौर की वार्ता में एक किसान नेता ने एक कागज पर लिखा ‘हम या तो मरेंगे या जीतेंगे’। सरकार के साथ मुलाकात के बाद एक किसान नेता ने कहा कि “15 जनवरी को सरकार द्वारा फिर से बैठक बुलाई गई है। सरकार क़ानूनों में संशोधन की बात कर रही है, परन्तु हम क़ानून वापिस लेने के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।”
वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने कहा कि “मीटिंग में सरकार के साथ एक गर्म चर्चा थी, हमने कहा कि हम कानूनों को निरस्त करने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं। हम किसी भी अदालत में नहीं जाएंगे, यह (निरसन) या तो किया जाएगा या हम लड़ना जारी रखेंगे। 26 जनवरी को हमारी परेड योजना के अनुसार होगी।
किसान नेताओं से मुलाकात के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज किसान यूनियन के साथ तीनों कृषि क़ानूनों पर चर्चा होती रही परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। सरकार की तरफ से कहा गया कि कानूनों को वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, परन्तु कोई विकल्प नहीं मिला। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन और सरकार दोनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि 15 जनवरी को कोई समाधान निकलेगा।
बता दें कि विज्ञान भवन में ढाई बजे से बैठक शुरू होने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर भेंट की। इस दौरान तीनों मंत्रियों के बीच आज की बैठक को लेकर रणनीति बनी। अमित शाह से मिलकर बाहर निकले कृषि मंत्री तोमर ने मीडिया से बातचीत के दौरान आज की बैठक से सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद जताई।
आज शुरू हुई आठवें राउंड की बैठक में दो प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। पहला मुद्दा तीनों कृषि कानूनों की वापसी और दूसरा मुद्दा एमएसपी की गारंटी का है। 4 जनवरी को हुई पिछली बैठक में सिर्फ तीनों कृषि कानून के मुद्दे पर ही दोनों पक्षों में बातचीत हो पाई थी, एमएसपी के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। ऐसे में किसान नेताओं का कहना है कि आज की बैठक में एमएसपी की कानूनी गारंटी पर भी खास तौर से चर्चा करेंगे।
बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पहले ही कह चुके हैं कि कृषि कनूनों की वापसी नहीं होगी। हलांकि केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कानूनों की वापसी की जगह जरूरी संशोधन करने को वह तैयार है। लेकिन किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि वे संशोधन नहीं बल्कि कानूनों की वापसी चाहते हैं।