लखनऊ (उ.प्र.) : कांग्रेस ने लखनऊ स्थित पासपोर्ट कार्यालय के एक अधिकारी द्वारा धर्म के आधार पर एक दंपती को प्रताड़ित किये जाने की घटना को केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकारों द्वारा बढ़ायी गयी असहिष्णुतापूर्ण संस्कृति का परिणाम करार दिया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने आज यहां कहा कि लखनऊ स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों द्वारा पासपोर्ट को धर्म से जोड़ा जाना और एक दंपती को प्रताड़ित किया जाना बहुत ही दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि असहिष्णुता की जिस संस्कृति को दिल्ली और लखनऊ से चलने वाली भाजपा सरकारों ने बढ़ावा दिया है, यह घटना उसी का परिणाम है। जिस अधिकारी ने ऐसा किया है सिर्फ उसी पर ठीकरा फोड़कर निश्चिन्त नहीं हुआ जा सकता। बब्बर ने लखनऊ के दंपती तन्वी सेठ और मोहम्मद अनस सिद्दीकी के विरूद्ध आरोपी पासपोर्ट अधिकारी ने इस तरह का कदम किस प्रकार के ‘आंतरिक आदेश’ के तहत उठाया गया, इसका जवाब केन्द्र सरकार को देना चाहिए।
गौरतलब है कि अनस और उनकी पत्नी तनवी सेठ बुधवार को अपने पासपोर्ट का नवीकरण कराने के लिए पासपोर्ट कार्यालय गये थे। दंपती का आरोप है कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने अनस से कहा कि वह हिन्दू धर्म अपना लें। साथ ही उन्होंने तनवी से सभी दस्तावेजों में अपना नाम बदलने का निर्देश दिया। जब दोनों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो अधिकारी उन पर चिल्लाने लगा। घटना के बाद दंपती घर लौट आए और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इस बीच, दंपती से बदसलूकी करने वाले अधिकारी का आज तबादला कर दिया गया है। कार्यालय ने इस घटना पर खेद भी प्रकट किया है।
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