कोरोना महामारी को मात देकर देश एक बार फिर धीरे-धीरे सामान्य गति से पटरी पर लौट रहा है। ऐसे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि कोविड महामारी ने दुनिया भर में हर क्षेत्र को प्रभावित किया और चुनौतियां पैदा कीं जिनसे निपटने के लिए शिक्षा एवं नवोन्मेष का मार्ग महत्वपूर्ण है।
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राजनयिक सम्मेलन 2021 में शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड के बाद वैश्विक परिदृश्य में नयी व्यवस्था उभर रही है। महामारी से हर क्षेत्र के प्रभावित होने के बाद अब दुनिया इस संकट से उबर रही है। हालांकि महामारी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।
भारत स्टार्टअप के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र के रूप में उभरा
प्रधान ने कहा कि कोविड-19 एक अज्ञात रोग है लेकिन मनुष्य में संकट से उबरने की क्षमता है जो शिक्षा एवं नवोन्मेष के दो नैसर्गिक मार्गो से आगे बढ़ती है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में अकादमिक क्रेडिट प्रणाली, बहुआयामी प्रवेश/निकासी, अनुसंधान एवं विकास आदि पर खास जोर दिया गया है जो शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर दिए जाने का संकेत है।
उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक पारिस्थितिकी में ज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में सामाजिक समावेश और विविधता में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।’’ उन्होंने कहा कि भारत स्टार्टअप के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र के रूप में उभरा है, और हमारे प्रतिष्ठित संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं जहां शोध पर खास ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा ‘‘हमारे समाज में कुछ वर्ग अभी भी अवसरों से दूर हैं, और इस अंतर को पाटना जरूरी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से ही इस अंतर को दूर किया जा सकता है।’’