नयी दिल्ली : दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा लाभ के पद धारण करने के लिए 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने को ‘‘असंवैधानिक’’ और ‘‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’’ बताया। राष्ट्रपति ने 20 आप विधायकों को अयोग्य घोषित करने की चुनाव आयोग की अनुशंसा को आज स्वीकार लिया। 20 अयोग्य विधायकों में शामिल मदनलाल ने कहा कि अब सारी उम्मीदें न्यायपालिका से है और पार्टी को कल राहत की उम्मीद है। आप के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने कहा, ‘‘आप विधायकों को अयोग्य ठहराने के राष्ट्रपति के आदेश असंवैधानिक और लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं।’’ 20 अयोग्य आप विधायकों में शामिल अल्का लांबा ने कहा कि निर्णय ‘‘दुखदायक’’ है और राष्ट्रपति को किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले हमारी बात सुननी चाहिए थी। आप विधायकों ने भी राष्ट्रपति से वक्त मांगा था।
आप विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था और एक याचिकाकर्ता ने उनकी नियुक्ति को लाभ के पद के तौर पर वर्णित किया। आप ने चुनाव आयोग की अनुशंसा पर रोक की मांग के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार को करने के लिए सूचीबद्ध किया है। कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मदनलाल ने कहा, ‘‘हम अदालत से राहत की उम्मीद करते हैं। हमारी याचिका पर सुनवाई कल होगी।’’
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