पूर्ववर्ती सरकारों ने कई वर्षों तक महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की कोशिश ही नहीं की : PM मोदी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

पूर्ववर्ती सरकारों ने कई वर्षों तक महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की कोशिश ही नहीं की : PM मोदी

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले सात सालों में स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले सात सालों में स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और इस दौरान उन्होंने ऋण की राशि लौटाने में अभूतपूर्व काम किया है, जिसकी वजह से डूबत ऋण का प्रतिशत नौ से घटकर आज दो से ढाई प्रतिशत के बीच रह गया है।
‘‘आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद’’ नाम से आयोजित एक कार्यक्रम में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं-सहायता समूहों की महिला सदस्यों के साथ संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की सफलता की कहानी के संक्षिप्त विवरण तथा कम व छोटी जोत वाली खेती से आजीविका पर एक पुस्तिका भी जारी की। साथ ही उन्होंने चार लाख स्व-सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की सहायता राशि और पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) के तहत आने वाले 7,500 स्व-सहायता समूहों को 25 करोड़ रुपये की आरंभिक धनराशि भी जारी की।
पीएमएफएमई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना है। इसी तरह प्रधानमंत्री ने मिशन के तहत आने वाले 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) को 4.13 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश भर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग आठ करोड़ बहनें जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले छह-सात सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और तीन गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह और दीन दयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण भारत में नयी क्रांति ला रही हैं और यह स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों से संभव हुआ है। प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अनेक वर्षों तक महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की कोशिश ही नहीं की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘आज 42 करोड़ जनधन खाते हैं और इनमें 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। अब उन्हें रसोई के डिब्बे में पैसे नहीं रखने पड़ते बल्कि उनके पैसे सीधे बैंक के खाते में जमा हो रहे हैं। हमने बैंक खाते भी खोले और ऋण लेना भी आसान किया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात सालों में स्वयं सहायता समूहों ने ऋण वापसी को लेकर बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था कि इस ऋण का नौ प्रतिशत डूबत ऋण हो जाया करता था…राशि वापस ही नहीं हो पाती थी… अब यह घटकर दो-ढाई प्रतिशत रह गयी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए अब उन्हें 20 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘पहले यह राशि 10 लाख रुपए थी जो अब दोगुनी कर दी गई है।’’ उन्होंने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत अभियान को देश की आत्मनिर्भर नारी शक्ति नयी ताकत दे रही है और इससे उन्हें भी प्रेरणा मिल रही है।
उन्होंने महिलाओं की सराहना करते हुए कहा, ‘‘संवाद के दौरान मैं उनका आत्मविश्वास अनुभव कर रहा था। उनके अंदर आगे बढ़ने की ललक और कुछ करने का जज्बा है जो हम सबके लिए प्रेरक हैं। इससे हमें देश में चल रहे नारी शक्ति के सशक्त आंदेालन की झलक मिलती है।’’
प्रधनमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जिस प्रकार से महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से देशवासियों की सेवा की, वह अभूतपूर्व है। मास्क और सेनेटाइजर बनाना हो, जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाना हो या जागरूकता का काम हो, हर प्रकार से इन समूहों का योगदान अतुलनीय रहा है।
इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और फग्गन सिंह कुलस्ते, पंचायती राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के गरीब ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है। यह क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है और गांव के गरीबों को लंबे समय तक सहायता दी जाती है ताकि वे अन्य तरह से भी अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें, अपनी आय और जीवन के स्तर में सुधार ला सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।