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परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी देने की प्रक्रिया को 5 गुना तेज बनाया गया : प्रकाश जावडेकर

जावडेकर ने कहा, ‘‘इससे पहले पर्यावरण मंत्रालय को टेक्स मंत्रालय या मार्ग में रोड़े अटकाने वाला मंत्रालय के रूप में जाना जाता था।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि पर्यावरण मानकों को पूरा करने वाली विकास एवं औद्योगिक परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी देने की प्रक्रिया को पहले की तुलना में पांच गुना तेज बनाते हुए इसमें लगने वाले 680 दिन के समय को घटाकर 108 दिन कर दिया गया है। 
औद्योगिक संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की शुक्रवार को आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जावडेकर ने कहा कि सरकार पर्यावरण मंजूरी की अवधि को लगातार कम करने के लिये प्रक्रिया को त्वरित बना रही है। उन्होंने उद्योग जगत को यह अवधि दो से तीन महीना करने का अश्वासन दिया। 

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जावडेकर ने कहा, ‘‘इससे पहले पर्यावरण मंत्रालय को टेक्स मंत्रालय या मार्ग में रोड़े अटकाने वाला मंत्रालय के रूप में जाना जाता था। तब ऐसा माहौल था जिसमें विकास संभव ही नहीं दिखता था। लेकिन हमारी सरकार ने इस प्रकार की कार्य संस्कृति विकसित की है जिससे यह लगने लगा है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चल सकते हैं।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘पहले किसी परियोजना को पर्यावरण मंजूरी मिलने में औसतन 640 दिन लगते थे। दो साल के पर्यावरण मंत्री के कार्यकाल में मैंने इस अवधि को घटाकर 180 दिन किया था और फिर इसे 108 दिन कर दिया गया। मेरा वादा है कि अब इसे दो से तीन महीना कर दिया जायेगा।’’ 

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जावडेकर ने बैठक में मौजूद सौ से अधिक उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चल सकते हैं और इस बाबत उन्होंने उद्योगपतियों से सहयोग एवं सुझाव देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है लेकिन देश का विकास भी उतना ही जरूरी है। 
जावडेकर ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के समन्वित उपायों को लागू करने में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के प्रयासों को त्वरित गति से कारगर बनाने में उद्योग जगत से सरकार का सक्रिय सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘पेरिस समझौते के समय जापान और चीन के उद्योग जगत द्वारा अपने देश की सरकारों के लिये जिस तरह से सहयोग किया गया, उसी तर्ज पर मैं चाहता हूं कि आगामी दिसंबर में चिली में आयोजित ‘कोप 25’ सम्मेलन में हमारा उद्योग जगत भी भारत की आवाज को मुखर बनाने में सक्रिय सहयोग करे।’’ 

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