लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

भारत में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाने का कारण

NULL

राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश के लिए सामान और गर्व का विषय होने के साथ साथ देश काफी महत्वपूर्ण अंग होता है। देश का झंडा लहराते देख देशभक्ति की भावना अपने आप मन में जाग्रत होने लगती है। लेकिन कई बार आपने देखा होगा की देश में बड़ी दुखद घटना होने की स्थिति में राष्टीय ध्वज आधा झुकाया जाता है। जिससे की यह सकेंत जाए की देश में कोई घटना घटी है जिससे की देश को बहुत ही दुख है। आज आपको बताते है की किन किन स्थितियों में ध्वज को झुकाने का नियम है।

5 436जब देश के राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की अपने कार्यकाल के दौरान मौत हो जाए तो तब देश के सभी सरकारी भवनों से तिरंगे को आधा झुकाया जाता है। जब देश के मुख्य न्यायधीश , लोकसभा अध्यक्ष की मृत्यु हो जाती तब भी दिल्ली के सभी सरकारी भवनों और अन्य राज्य के संबधित भवनों पर तिरंगे को आधा झुकाया जाता है। सर्वोच्च न्यायलय और केेंद्रिय मंत्री की मृत्यु के बाद संबधित सराकारी भवनों से भी तिरंगा आधा झुकाया जाता है।

1 1030किसी भी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की गवर्ऩर , राज्यपाल , उपराज्यपाल,लेफ्टीनेंट गवर्नर या मुख्यमंत्री की मृत्यु हो जाती है तो राज्य के सभी सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुकाया जाता है। जबकि उच्च न्यायलय के न्याधीश या किसी भी मंत्री के निधन पर उसके संबधित जिले में तिरंगा आधा झुकाया जाता है।

2 617किसी भी विदेशी गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु के बाद ग्रह मंत्रालय द्वारा प्राप्त निर्देशों के आधार पर राजकिय शोक के रुप में तिरंगा आधा झुकाया जाता है। यदि किसी राज्य प्रमुख या सरकारी अधिकारी की मृत्यु किसी विदेशी सरजमीं पर हो जाती है तो उस संबधित देशी के दुतावास में तिरंगा झुकाया जाता है।

3 568ध्यान देने वाली बातें- अगर किसी भी विशिष्ट व्यक्ति की मृत्यु गणतंत्र दिवस , स्वतंत्र दिवस और 2 अक्टूबर को होती है तो उस समय देश के किसी भी सरकारी भवनों में कहीं पर भी तिरंगा नही झुकाया जाता है सिर्फ उसी भवन में तिरंगा झुकाया जाता है जिसमें पार्थिव शरीर रखा हों। लेकिन जैसे ही उस इंसान का पार्थिव शरीर उस भवन से निकाला जाता है तो फिर वहां पर काफी ऊंचाई तक राष्ट्रीय ध्वज फेहराया जाता है।

4 510किसी भी आम नागरिक के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटना राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम 1971 का उल्लघंन है। ऐसा करने पर संबधित व्यक्ति को तीन साल की सजा , जुर्माना या फिर दोनो ही हो सकते है।6 232

किसी भी राजनेता, सैन्यकर्मी या कैन्द्रीय अर्धसेनिक बल की अंत्यष्टि के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज को अर्थी या ताबूत के ऊपर लपेटते समय यह ध्यान रखना जरुरी है कि केसरिया रंग सिर की तरफ और होना चाहिए।जब भी शव को जलाना या दफनाना हो तो उस समय तिरंगे को वहा से हटा लेना चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज के नियमों के अनुसार तिरगें को जलाना या दफनाना नही चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

13 + seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।