वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि देश के विकास में इलेक्ट्रिक वाहनों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे अपनाने से न सिर्फ जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों में कमी आयेगी बल्कि रोजगार सृजन, विनिर्माण एवं तकनीकी क्षमता बढ़ने में भी मदद मिलेगी। श्री जेटली ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन जलवायु परिवर्तन और जन स्वास्थ्य के लिये घातक कार्बन उर्त्सजन से निपटने का आकर्षक, सतत और लाभदायी हल है।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन तेल के आयात पर निर्भरता को घटायेंगे और बिजली क्षमता बढ़ने को प्रोत्साहित करेंगे जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा बढ़गी। इससे परिवहन क्षेत्र का ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम होगा। इसका शहरों में प्रदूषण स्तर पर सकारात्मक असर दिखेगा। श्री जेटली आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा 15 इलेट्रिक वाहनों की खरीद के संबंध में किये गये समझौते के अवसर पर बोल रहे थे। आर्थिक मामलों के विभाग के अधिकारियों के लिये 15 इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति के लिये एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ आज समझौता किया गया है।
इन वाहनों को चार्ज करने के लिये नॉर्थ ब्लॉक में 28 चार्जिंग प्वांइट भी लगाये गये हैं। ईवी के अपनाने से विभाग द्वारा प्रति वर्ष 36,000 लीटर से अधिक ईंधन की बचत और 440 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन कम होने का अनुमान है। व्यय विभाग ने दिल्ली और एनसीआर के सभी सरकारी कार्यालयों को मौजूदा सरकारी वाहनों के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के संबंध में ज्ञापन जारी किया है। ईईएसएल ने वाहनों की आपूर्ति के संबंध में अब तक केंद, सरकार, दिल्ली, महाराष्ट्र,, आंध्रप्रदेश, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और तेलंगाना की सरकारों के साथ समझौते किये हैं।