समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान जब उनसे डीवाई चंद्रचूड़ के 'भगवान से प्रार्थना' वाली बात को लेकर सवाल पूछी गई तो उन्होंने कैमरे के सामने ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को अपशब्द कहे। उनके उस बयान और अपशब्द का जमकर आलोचन की जा रही है। हालांकि भारी आलोचना का सामना करने के बाद, यादव ने अपने बयान से पलटते हुए दावा किया कि उनसे सीजेआई के बारे में कुछ नहीं पूछा गया था।
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ''"मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। जब आप भूतों को जीवित करते हैं, जब आप मृतकों को जीवित करते हैं, तो वे भूत बन जाते हैं और न्याय का पालन करना शुरू कर देते हैं। अब वे कहां हैं?... भूल जाइए, ऐसे सभी घटिया लोग ऐसी बातें करते रहते हैं। क्या मुझे उन पर ध्यान देना चाहिए?"
दरअसल, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ अपने गावं के लोगों से बात करते हुए कहा, "अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) होते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंचते। अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था।" उन्होंने कहा, "मैं भगवान के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें समाधान खोजने की जरूरत है। मेरा विश्वास करो, अगर आपमें आस्था है, तो भगवान हमेशा कोई रास्ता निकाल लेंगे।"
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद लंबे समय से कानूनी और राजनीतिक मुद्दा रहा है कि क्या 16वीं सदी की मुगल मस्जिद उस जगह पर मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाई गई थी, जिसे भगवान राम का जन्मस्थान बताया जाता है। 9 नवंबर, 2019 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली और न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ सहित सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी, जबकि मस्जिद के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ का भूखंड नामित किया, जिससे लगभग 70 साल पुराना विवाद समाप्त हो गया।