Anantnag Encounter वाले पीर पंजाल पहाड़ी की कहानी, जहां सेना ने आतंकियों को घुसकर मारा था

13 सितंबर को अनंतनाग जिले में आतंकवादी हमला हुआ। इस हमले में आर्मी के कर्नल और मेजर रैंक के दो अफसर और पुलिस के डीएसपी रैंक के एक अफसर वीरगति को प्राप्त हुए। ये हमला कोकेरनाग इलाके में हुआ था। जो पीर पंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में पड़ता है। ये पर्वतमाला कोई आम जगह नहीं है ये आतंकियों की पनाहगाह रही है।
Anantnag Encounter वाले पीर पंजाल पहाड़ी की कहानी, जहां सेना ने आतंकियों को घुसकर मारा था
Published on
13 सितंबर को अनंतनाग जिले में आतंकवादी हमला हुआ। इस हमले में  आर्मी के कर्नल और मेजर रैंक के दो अफसर और पुलिस के डीएसपी रैंक के एक अफसर वीरगति को प्राप्त हुए। ये हमला कोकेरनाग इलाके में हुआ था। जो पीर पंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में पड़ता है। ये पर्वतमाला कोई आम जगह नहीं है ये आतंकियों की पनाहगाह रही है।
ऑपरेशन हमले के लिए खास जगह  
इस जगह का लंबा इतिहास है यहां से चलने वाले सेना का ऑपरेशन सुर्खाियों में रहता है। पीर पमजाल जगह के बारे में बात करें तो पीर पंजाल पर्वतमाला, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, भारत के जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश राज्य तक फैली हुई है। कश्मीर का गुलमर्ग और हिमाचल प्रदेश के कुल्लु, लाहौल और स्पीति ज़िले भी इसी श्रृंखला में आते हैं. इस रेंज को लघु हिमालय भी कहा जाता है। रावी, चेनाब और झेलम जैसी नदियां भी इसी इलाके में बहती हैं।
पीर पंजाल इलाके का है काफी महत्व
पीर पंजाल इलाके का एक और बड़ा महत्व है माना जाता है जो भी इन पहाड़ियों को कंट्रोल कर लेता है उसके पास पूरी कश्मीर घाटी का एक्सेस होता है। पीर पंजाल के पहाड़ 13000 फ़ीट ऊंचे हैं. इस इलाके में खूब पानी बरसता है ये दो तरीके से आता है पहला सर्दियों की बर्फ़बारी से और दूसरा गर्मियों की बारिश से  इसके अलावा इस इलाके में पेड़ों की कतार के इर्द-गिर्द चरागाह का बड़ा इलाका है।  
अफगानिस्तान के पहाड़ों की तरह है बनावट
वहीं कुछ अधिकारियों का मानना है कि पीर पंजाल पर्वतमाला की जो  बनावट है वो अफगानिस्तान के पहाड़ों की तरह ही है और इसलिए ही ये आतंकवादियों के छिपने की पसंददीदा जगह है  इसके अलावा पीर पंजाल के जंगलों का इलाका भी आपस में जुड़ा हुआ है इससे आतंकवादियों को बड़ी मदद मिलती है वो एक जगह पर जघन्य अपराध करते हैंऔर दूसरी जगह जाकर छिप जाते हैं. जिससे सिक्योरिटी एजेंसीज को काफी भागदौड़ करनी पड़ती है।
ऑपरेशन सर्प यहीं से चलाया गया था
यहां से ही एक ऑपरेशन चलाया गया था जिसक नाम ऑपरेशन सर्प विनाश था ये एत बड़ा ऑपरेशन था। ये ऑपरेशन 2003 के बीच चलाया गया है।  भारतीय सेना ने सुरनकोट तहसील के पहाड़ों में ऊंचे स्थान पर बसे एक गांव हिलकाका को आतंकवादियों से छुड़वाने के लिए पुंछ की पहाड़ियों पर "ऑपरेशन सर्प विनाश" चलाया था। इस ऑपरेशन ने क्षेत्र में सीमा पार आतंकवाद को तबाह कर दिया, और पुंछ जिले और उसके पड़ोसी राजौरी में लगभग दो दशकों की शांति स्थापित की. ये दोनों जिले ही पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर स्थित है।  इसलिए हमेशा से इसकी चर्चा होती है।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com