सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली-एनसीआर में इस साल दिवाली पर पटाखे चलाने पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने पटाखों की बिक्री के खिलाफ सख्त निर्देश देते हुए पूरे एनसीआर में बिक्री प्रतिबंधित कर दी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई लोगों के गले नहीं उतर रहा है, उन्हीं में से एक हैं चर्चित लेखक चेतन भगत। कोर्ट के फैसले पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि पटाखों के बिना बच्चों के लिए दिवाली कैसी? चेतन ने यह सवाल भी उठाया कि हिंदुओं के त्योहारों के साथ ही ऐसा क्यों होता है? उन्होंने पूछा कि क्या बकरीद पर बकरे काटने और मुहर्रम पर खून बहाने के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं?
चेतन भगत ने एक ट्वीट में लिखा, ”बिना पटाखों के बच्चों के लिए दिवाली का क्या मतलब है?” लेखक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का बैन परंपराओं पर चोट है। उन्होंने कहा कि बैन की जगह रेगुलेशन बेहतर विकल्प हो सकता था।
SC bans fireworks on Diwali? A full ban? What’s Diwali for children without crackers?
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
दिवाली पर पटाखों को बैन किया जाना ऐसा है जैसे क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री और बकरीद पर बकरे को बैन कर दिया जाना। उन्होंने आगे लिखा कि दिवाली पर बच्चों के हाथ से फुलझड़ी छीन ली गई। हैप्पी दिवाली मेरे दोस्त।
Banning crackers on Diwali is like banning Christmas trees on Christmas and goats on Bakr-Eid. Regulate. Don’t ban. Respect traditions.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
चेतन भगत ने कहा कि यदि आपको वातावरण की चिंता है तो आपको अपने घर में एक सप्ताह के लिए बिजली बंद कर देनी चाहिए, कारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आप किस आधार पर दूसरों की परंपराओं पर रोक लगा रहे हैं?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिए अपने आदेश में दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन लगा दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में 11 नवंबर 2016 का बिक्री पर रोक का आदेश फिर से बरकरार रखा है। कोर्ट ने सारे लाइसेंस स्थायी और अस्थायी रूप से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बैन 1 नवंबर 2017 तक बरकरार रहेगा। अदालत ने 12 सितंबर को दिए रोक के आदेश में बदलाव किया है।
अदालत के आदेश के अनुसार 1 नवंबर से पटाखे बिक सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बार ये टेस्ट करना चाहते हैं कि दिवाली पर क्या हालात होंगे?