विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से बुधवार को ईरान समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही भारत नेअमेरिका से कहा कि वह प्रतिबंधों से प्रभावित रूस सहित अन्य देशों के साथ संबंधों में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा। भारत रूस से एस- 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद रहा है।
डॉ जयशंकर ने इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकात के बाद पत्रकारों को संबोधित करते कहा, ‘‘ मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत-प्रशांत साझेदारी किसी के खिलाफ नहीं बल्कि यह शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के लिए है।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ऐसी जगह तलाश रहा है जहां वैश्विक भलाई के लिए स्वतंत्र सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया जा सके।
भारत के साथ सहयोग और आपसी विश्वास को बढ़ने के मुद्दे पर डॉ जयशंकर के साथ सहमति व्यक्त करते हुए पोम्पियो ने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत के बीच साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं। हमारे बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्वतंत्रता बनाए रखने में हमारा समान दृष्टिकोण है।
विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने अमेरिका-ईरान के बीच मौजूदा तनाव पर विस्तृत चर्चा की। ईरान को लेकर हमारा एक निश्चित दृष्टिकोण है। विदेश मंत्री पोम्पियो ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए और मैं मानता हूं कि बातचीत के अंत में हम दोनों कुछ मुद्दों पर सहमत हुए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी विदेश मंत्री ने मेरे साथ ईरान पर अमेरिका की चिंताओं को साझा किया। हम दोनों निश्चित रूप से उस संबंध में एक-दूसरे की चिंताओं के बारे में बेहतर ढंग से जानते थे।’’ डॉ जयशंकर ने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से भारत और अमेरिका के बीच बेहतर समझ है। यह स्वाभाविक है कि अमेरिकी प्रशासन और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत के हितों के बारे में जानते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों विदेश मंत्रियों ने आपसी हितों पर चर्चा करने के बाद कहा कि यह कूटनीति का कार्य है। यह स्वाभाविक है कि समय-समय पर विशेष मुद्दे उठते रहेंगे और मैं मानता हूं कि हम कई मुद्दों पर चर्चा कर चुके हैं।’’ अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भारत की स्थिति तथा रूस के साथ रक्षा संबंधों के अलावा भारत की रक्षा तैयारियों पर अमेरिकी राय को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में डॉ जयशंकर ने कहा,‘‘ यह मुलाकात एक शुरुआत है और इससे अधिक काम के लिए हमेशा उम्मीद है।’