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इस दिन शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, मंत्रिमंडल समिति ने की सिफारिश

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है। संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित करने की सिफारिश की है

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है। संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित करने की सिफारिश की है।मीड़िया रिपोर्टस के अनुसार  सोमवार को यह जानकारी दी। बता दें कि कोविड-19 महामारी के चलते पिछले साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हुआ था और बजट सत्र तथा मॉनसून सत्र को भी छोटा कर दिया गया था।सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होंगी।
आपको बता दें कि कोविड-19 महामारी के चलते पिछले साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हुआ था और बजट सत्र तथा मॉनसून सत्र को भी संक्षिप्त कर दिया गया था। एक सूत्र ने बताया, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली सीसीपीए ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक की तारीख की सिफारिश की है।’ संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही साथ-साथ चलेगी और सांसदों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा।

क्यों अहम है यह शीतकालीन सत्र?

यह सत्र इसलिए भी मायने रखता है कि इसका आयोजन राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हो रहा है। महंगाई, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि, कश्मीर में आम लोगों पर आतंकवादियों के हमले, किसानों की जान लेने वाली लखीमपुर खीरी हिंसा तथा केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन उन मुद्दों में शामिल हैं, जिन्हें शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए विपक्ष द्वारा उठाये जाने की संभावना है।
संसद का मानसून सत्र चढ़ा था हंगामे की भेंट
संसद का मानसून सत्र विपक्ष के हंगामे से प्रभावित रहा था, जिसने सरकार से पेगासस जासूसी मुद्दे पर जवाब मांगा था और तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की थी। पेगासस जासूसी मुद्दे पर सदन के अंदर हंगामा करने के लिए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चार अगस्त को टीएमसी के चार सांसदों को निलंबित कर दिया था। पिछले मानसून सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर कहा था कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा को तैयार है, लेकिन इसके बावजूद सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में मोदी के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री जोशी शामिल हुए थे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इस सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया था।

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