राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश भर में मचे बवाल के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में कोई संबंध नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी ने श्री शाह के एक एजेन्सी को दिये साक्षात्कार के बाद सिलेसिलेवार ट््वीट में यह जानकारी दी है।
इस साक्षात्कार में श्री शाह ने कहा है, ‘‘एनआरसी और एनपीआर में कोई संबध नहीं है। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि दोनों अलग-अलग चीज हैं। फिलहाल एनआरसी बहस का मुद्दा नहीं है क्योंकि अभी इसे देश भर में लागू करने पर कोई विचार नहीं किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस पर डिबेट की कोई जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री ने सही कहा है कि अभी इस पर कैबिनेट या संसद में कोई बात नहीं हुई है। अगर एनआरसी लागू करना होगा तो चोरी-छिपे थोड़ ही न किया जायेगा।’’
श्री शाह ने कहा कि एनपीआर को लेकर किसी के मन में और खासकर किसी भी अल्पसंख्यक को यह शंका नहीं होनी चाहिए कि इसका इस्तेमाल एनआरसी बनाने के लिए होगा। इन दोनों का आपस में लेना-देना नहीं है। एनपीआर को लेकर कोरी अफवाह फैलाई जा रही है। इसे लेकर नया विवाद खड़ करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह बात बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि एनपीआर में किसी का नाम शामिल नहीं होने से किसी की नागरिकता नहीं जायेगी। यह एनआरसी से अलग है।’’
श्री शाह ने कहा कि एनपीआर से लोगों को कोई तकलीफ नहीं है, यह पहले भी हो चुका है। नागरिकता कानून को लेकर जो अफवाह फैलाई गयी, उससे सवाल खड़ हो गया है। अब नागरिकता कानून को लेकर विरोध खत्म हो रहा है इसलिए नया विवाद खड़ करने की कोशिश की जा रही है। अफवाहें फैलायी जा रही हैं। विपक्ष नागरिकता कानून और एनपीआर को लेकर राजनीति कर रहा है।