कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार और विपक्षी दलों के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इसमें संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की साझा रणनीति को लेकर चर्चा की गई। हालांकि, बैठक से ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) गायब थी। बता दें कि कुछ दिन पहले ही बनर्जी ने मुंबई दौरे के वक्त कहा था कि अब कोई यूपीए नहीं है।
सोनिया की बैठक से TMC रही नदारद
अब ममता की पार्टी के बिना ही सोनिया की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं की बैठक को एक संदेश के तौर पर भी देखा जा सकता है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में 10 जनपथ पर आयोजित इस बैठक में नेशनल कान्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना सांसद संजय राउत, डीएमके सांसद टीआर बालू, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे।
संजय राउत बोले- ये थी विपक्ष एकता की बैठक
इस बैठक के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ये विपक्ष एकता की बैठक थी। विपक्ष एकता पर बात हुई। यह पहला ऐसा ग्रुप है। भविष्य में और ऐसे कई अन्य ग्रुप बनाए जाएंगे। हमने संसद की कार्यवाही के बारे में चर्चा की। हम माफी नहीं मांगेंगे। राज्यों में मिल कर काम करेंगे।
UPA होगा और अधिक मजबूत: फारूक अब्दुल्ला
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बैठक से बाहर आ कर कहा, विपक्ष की एकता पर बात हुई। देश की समस्याओं पर चर्चा हुई। यूपीए और अधिक मजबूत होगा। कैसे इकट्ठा काम कर सकते हैं? कैसे इस मुल्क को मुश्किलों से निकाल सकते हैं? इसको लेकर हम सभी नेताओं ने चर्चा की।
TMC के जवाब में हुई बैठक
वहीं टीआर बालू ने बैठक के बाद कहा कि विपक्ष की एकता पर बात हुई है। इसी पर जोर दिया गया। गौरतलब है कि सोनिया गांधी की संसदीय रणनीति की ये बैठक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी के जवाब में हुई, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि यूपीए नहीं है।इस बैठक से पहले मंगलवार सुबह राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे विपक्षी दलों ने मंगलवार को मार्च निकाला। विरोध में विपक्षी दलों ने देश में अघोषित आपातकाल करार दिया।
जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन की बनाई रणनीति
इसके साथ ही विपक्षी दलों ने बुधवार को संसद भवन से जंतर-मंतर जाकर धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है। इस मसले पर राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन वापसी की मांग करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते सभापति ने कहा था कि सरकार और विपक्ष मिलकर गतिरोध का हल निकालें। लेकिन सरकार की ओर से कहा गया है कि वह माफी मांगे जाने पर ही निलंबन रद्द करने पर विचार करेगी। विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है।