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कृषि कानूनों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले पर आए मिले-जुले रिएक्शन, जानें राजनीति जगत की प्रतिक्रिया

आखिरकार एक साल के कड़े संघर्ष के बाद आज प्रदर्शन कर रहे किसानों की जीत हुई है, आज किसनों की कड़ी तपस्या के आगे केंद्र सरकार ने हार मान ली है।

आखिरकार एक साल के कड़े संघर्ष के बाद आज प्रदर्शन कर रहे किसानों की जीत हुई है, आज किसनों की कड़ी तपस्या के आगे केंद्र सरकार ने हार मान ली है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान कर दिया। इसके साथ ही आंदोलनकारी किसान समुदाय में जश्न की लहर दौड़ गई है। सम्पूर्ण विपक्ष केंद्र के इस बैकफुट को किसानों की जीत बता रहा है।
वहीं किसानों की इस जीत पर राजनीति जगत में मिली जुली प्रतिक्रिया है। कई नेताओं ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया तो किसी ने इस फैसले को लेने में लगे 1 साल के समय पर मोदी सरकार पर तंज कसा है। आइये जानते हैं किसने इस फैसले पर क्या कहा…
अमरिंदर सिंह ने जताया प्रधानमंत्री मोदी का आभार 
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘बड़ी खबर! गुरु नानक जयंती के पावन मौके पर प्रत्येक पंजाबी की मांगों को स्वीकार करने और तीन काले कानूनों को रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभारी हूं। मुझे भरोसा है कि केंद्र सरकार किसानी के विकास के लिए मिलकर काम करती रहेगी। किसान नहीं तो अन्न नहीं।’’
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‘‘काले’’ कानूनों को निरस्त करना सही दिशा में उठाया गया कदम : सिद्धू
सिद्धू ने कहा, ‘‘काले कानून को निरस्त किया जाना सही दिशा में उठाया गया एक कदम है…किसान मोर्चा के सत्याग्रह को ऐतिहासिक सफलता मिली है…आपके बलिदान का लाभ मिला है…पंजाब में कृषि क्षेत्र के पुनरूद्धार की रूपरेखा पंजाब सरकार की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए…बधाई ।’’
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हृदय परिवर्तन से नहीं चुनाव के डर से प्रेरित है फैसला : पी चिदंबरम
पी चिदंबरम ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर पीएम की घोषणा नीति परिवर्तन और हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है। यह चुनाव के डर से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक विरोधों से जो हासिल नहीं किया जा सकता है, वह आसन्न चुनावों के डर से हासिल किया जा सकता है। वैसे भी, यह किसानों और कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है जो कृषि कानूनों के विरोध में अडिग थी।
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केजरीवाल बोले- किसानों का बलिदान याद रहेगा
आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी खुशखबरी मिली, तीनों कानून रद्द हुए, 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी, आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था, मेरे देश के किसानों को मेरा नमन।
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अनिल विज ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करें किसान संगठन
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर सभी किसान संगठनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करना चाहिए और अपने धरने तुरंत उठाकर अपने अपने घरों को जाकर अपने नियमित कामों में लगना चाहिए।
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किसानों की जीत पर ममता बनर्जी ने दी बधाई 
ममता बनर्जी ने कृषि कानूनों की वापसी पर ट्वीट करते हुए कहा कि हर एक किसान को मेरी हार्दिक बधाई, जो लगातार संघर्ष करते रहे और उस क्रूरता से विचलित नहीं हुए, जिसके साथ केंद्र की बीजेपी सरकार ने ऐसा व्यवहार किया। यह आपकी जीत है! इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।
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मनीष सिसोदिया बोले- अहिंसक आंदोलन ने केंद्र को झुकने पर किया मजबूर 
किसानों व किसान आंदोलन को बधाई। निरंकुश सरकार को आपके एक साल लम्बे अहिंसक आंदोलन ने झुकने को मजबूर कर दिया। केंद्र सरकार को सैंकड़ों किसानों की शहादत के सामने आख़िर झुकना पड़ा, सरकार उन किसानों के परिवारों से भी माफ़ी माँगे जिनकी जान इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन में गई है।
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दुष्यंत चौटाला ने इस फैसले को बताया गुरुपुरब का तोहफा 
दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट कर कहा की कृषि कानूनों को निरस्त करने को प्रधानमंत्री मोदी की ओर से गुरुपुरब पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तोहफे के रूप में देखा जाना चाहिए। मैं सभी विरोध करने वाले किसानों से अपने घरों में लौटने और अपने परिवारों के साथ गुरुपर्व मनाने की अपील करता हूं।
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शिवसेना नेता संजय राउत ने किया केंद्र के फैसले का स्वागत 
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के मुख से पहली बार लोगों के ‘मन की बात’ निकली है। भाजपा के नेता इन किसानों को खुलेआम खालिस्तानी और पाकिस्तानी कह रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार को किसानों के दबाव के आगे झुकना पड़ा।’’
राउत ने कहा, ‘‘दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनों के दौरान 400 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवा दी। यदि मोदी ने हमारी मांगों को सुना होता, तो कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी, लेकिन सरकार हठ कर रही थी और उसने किसानों की समस्याओं को सुनने से इनकार कर दिया।’’
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NCP नेता  नवाब मलिक बोले- झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए
राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए। तीनों कृषि कानून वापस लिए गए। हमारे देश के किसानों को मेरा सलाम जिनमे से कई ने जान गंवा दी।’’
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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।