‘कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद… साक्षी, बजरंग और फोगाट’, जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन

‘कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद… साक्षी, बजरंग और फोगाट’, जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन
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भारतीय कुश्ती में जारी संकट में बुधवार (3 दिसंबर) को नया मोड़ आया जब सैकड़ों जूनियर पहलवान अपने कैरियर में एक महत्वपूर्ण साल बर्बाद होने के खिलाफ जंतर मंतर पर जमा हुए और उन्होंने इसके लिए शीर्ष पहलवानों बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को दोषी ठहराया। बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे। इनमें से करीब 300 बागपत के छपरौली के आर्य समाज अखाड़े से थे जबकि कई नरेला की वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से भी थे।

सुरक्षाकर्मियों को उन्हें काबू करने में काफी परेशानी हुई। ये पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इन्होंने बैनर पकड़ रखे थे जिस पर तीनों पहलवानों की तस्वीरों के साथ लिखा था ,''कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद, साक्षी , बजरंग और फोगाट।'' भारतीय कुश्ती महासंघ के नए पदाधिकारियों के चुनाव के तुरंत बाद राष्ट्रीय अंडर 15 और अंडर 20 चैम्पियनशिप गोंडा में कराने का फैसला किया गया जिसके बाद मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया और ये टूर्नामेंट भी रद्द हो गए।

प्रदर्शनकारी पहलवानों में से कइयों के पास आखिरी बार जूनियर स्तर पर खेलने का मौका था। मुजफ्फरनगर स्टेडियम के कोच प्रदीप कुमार ने कहा ,''उत्तर प्रदेश के 90 प्रतिशत से अधिक अखाड़े इस प्रदर्शन में हमारे साथ हैं। एक तरफ सिर्फ तीन पहलवान है और दूसरी तरफ लाखों हैं। उन्होंने देश के लाखों पहलवानों का कैरियर खराब कर दिया।'' उन्होंने कहा ,''इन लोगों के मन में राष्ट्रीय पुरस्कारों की कोई इज्जत नहीं है। उन्हें सड़क पर पटक रहे हैं।'' बता दें कि बजरंग और विनेश ने अपने सरकारी सम्मान लौटा दिए हैं।

प्रदीप ने कहा ,''वे कहते आ रहे हैं कि उनकी लड़ाई महिला और जूनियर पहलवानों के लिए हें लेकिन उन्होंने लाखों के कैरियर बर्बाद कर दिया। उनका प्रदर्शन WFI में शीर्ष पद पाने के लिए है। एक बार ऐसा होने पर उनका सारा प्रदर्शन बंद हो जाएगा।'' करीब एक साल पहले जंतर मंतर पर ही ये तीनों शीर्ष पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर धरने पर बैठे थे। उस समय किसान समूहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, महिला संगठनों और पहलवानों ने इनका समर्थन किया था। जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतिस्पर्धायें ठप पड़ी है। WFI दो बार निलंबित हो चुका है और एड-हॉक कमेटी खेल का संचालन कर रही है।

पहलवानों की मांग- निलंबित WFI को फिर किया जाए बहाल

आर्य समाज अखाड़े के विवेक मलिक ने कहा , 'इन जूनियर पहलवानों का पूरा एक साल खराब हो गया। नए WFI ने इन पहलवानों के भले के लिए फैसला लिया था जो जिला या प्रदेश स्तर की स्पर्धा भी नहीं खेल सके हैं।'' उन्होंने कहा ,''नए महासंघ को भी निलंबित कर दिया गया। इसका चुनाव अदालत के निर्देशों के अनुसार हुआ था लेकिन इसे काम नहीं करने दिया गया। निलंबन हटना चाहिए और महासंघ को काम करने देना चाहिए।'' इन प्रदर्शनकारी पहलवानों ने मांग की है कि निलंबित WFI को फिर बहाल किया जाए और एड-हॉक कमेटी को भंग किया जाए।

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