मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ओपी रावत ने आज भरोसा दिलाया कि चुनावी कदाचार का चुनाव आयोग के ‘ मोबाइल ऐप ’ के जरिए खुलासा करने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा।
रावत ने कहा कि चुनाव आयोग ने हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रायोगिक आधार पर चुनाव आयोग का मोबाइल ऐप पेश किया था और चुनावी कदाचार के 780 वीडियो शिकायतें प्राप्त की गईं।
उन्होंने कहा , ‘‘ हम उन लोगों की पहचान का खुलासा नहीं करेंगे जो आयोग को इस तरह के वीडियो भेज रहे हैं। ’’ रावत ने यहां कहा कि मोबाइल ऐप आम आदमी को साक्ष्य के साथ शिकायतें भेजने के लिए सशक्त करता है। इस प्रक्रिया का अब से हर चुनाव में पालन किया जाएगा।
ईवीएम से राजनीतिक दलों के छेड़छाड़ करने की शिकायतों के बारे में टिप्पणी करने को कहे जाने पर सीईसी ने कहा कि प्रणाली की सत्यनिष्ठा में कोई संदेह नहीं है।
लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव साथ में कराए जाने के विषय पर उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान और कानून में बदलाव करने की जरूरत होगी। साथ ही , साजो सामान की भी जरूरत पड़ेगी। रावत ने निष्क्रिय राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने के बारे में कहा कि आयोग ने उन पार्टियों की मान्यता रद्द करना शुरू कर दिया है जो सक्रिय नहीं हैं। अब तक करीब 1000 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द की गई है।
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