देश में सोमवार 1 जुलाई यानी आज से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बदलाव होने जा रहा है। अंग्रेजों के बनाए कानून से भारतीय न्याय प्रणाली अब मुक्त होने जा रही है। दरअसल, आज से तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), क्रिमिनल प्रोसिजर कोड (सीआरपीसी),1898 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और एविडेंस एक्ट,1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हो गया है। अब से बदलाव के मुताबिक ही केस दर्ज होंगे। आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत पहली एफआईआर दर्ज भी कर ली गई है। आज से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं।
- अंग्रेजों के बनाए कानून से भारतीय न्याय प्रणाली अब मुक्त होने जा रही है
- अब से बदलाव के मुताबिक ही केस दर्ज होंगे
- भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत पहली एफआईआर दर्ज भी कर ली गई है
स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ किया गया मामला दर्ज
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और बिक्री करने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत एक स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। FIR के अनुसार, आरोपी की पहचान बिहार के बाढ़ निवासी पंकज कुमार के रूप में हुई है। FIR में पुलिस ने उल्लेख किया है कि आरोपी मुख्य सड़क के पास एक ठेले पर तंबाकू और पानी बेच रहा था, जिससे आने-जाने वालों को परेशानी हो रही थी। जब उस इलाके में गश्त कर रही पुलिस ने आरोपी से अपना ठेला हटाने को कहा, तो उसने अधिकारियों की बात अनसुनी कर दी।
आज से 3 नए कानून लागू
भारतीय दंड संहिता (IPC) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी के स्थान पर नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया गया है। भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं । संहिता में कुल 20 नए अपराध जोड़े गए हैं तथा 33 अपराधों के लिए कारावास की सजा बढ़ाई गई है। 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है तथा 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा लागू की गई है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड लागू किया गया है तथा अधिनियम में 19 धाराओं को निरस्त या हटाया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं । संहिता में कुल 177 प्रावधानों में परिवर्तन किया गया है तथा इसमें नौ नई धाराओं के साथ-साथ 39 नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं। अधिनियम में 44 नए प्रावधान एवं स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 धाराओं में समय-सीमा जोड़ी गई है तथा 35 स्थानों पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान जोड़ा गया है। संहिता में कुल 14 धाराओं को निरस्त कर हटा दिया गया है। भारतीय साक्षरता अधिनियम में 170 प्रावधान होंगे।
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