भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से बातचीत करने की अपील की। मोरना गांव में बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान नरेश टिकैत ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं को ऐसे समय में नजरअंदाज कर रही है जब वे पिछले करीब एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर समस्याओं को सुलझाने में गंभीरता नहीं दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर यही स्थिति रही तो किसान आंदोलन जारी रखेंगे।
नरेश टिकैत लखीमपुर खीरी घटना में मारे गए किसानों की अस्थियों के विसर्जन में शामिल होने के लिए जिले में थे। इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी केंद्र सरकार से यही मांग करते आ रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर सख्त कार्रवाई करें और मृत किसानों के परिजनों को न्याय दिलाएं। बता दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर कहा कि विरोध प्रदर्शन करना किसानों का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली की सीमाओं से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए किसान संगठनों को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। न्यायमूर्ति एस एस कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि कानूनी रूप से चुनौती लंबित है फिर भी न्यायालय विरोध के अधिकार के खिलाफ नहीं है लेकिन अंततः कोई समाधान निकालना होगा।